दिल्ली

delhi

चमोली आपदा : परिवार ने पुतले बनाकर किया अंतिम संस्कार

By

Published : Feb 15, 2021, 5:49 PM IST

चमोली में आई आपदा के बाद से अब तक कई परिवार बिखरे, तो कई अब भी अपनों की राह ताक रहे हैं. ऐसे ही एक परिवार ने अपने घर के सदस्यों के नहीं मिलने पर पुतले को शव मानकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया.

चमोली आपदा
चमोली आपदा

विकासनगर : चमोली में आई आपदा के नौ दिन बीत जाने के बाद भी सैकड़ों लोग अब तक लापता हैं. कई परिवार अभी भी अपनों के लौटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जबकि कई लोगों ने आस छोड़ दी है. कालसी विकासखंड के अंतर्गत आने वाले पंजिया गांव के दो सगे भाइयों समेत चार लापता युवकों का सुराग नहीं लगने पर परिजनों ने उन्हें मृत मानकर पुतला बनाया और यमुना किनारे अंतिम संस्कार किया. स्वजनों की पीड़ा देख हर किसी की आंखें भर आईं.

चमोली जिले के तपोवन और रैणी गांव में आई तबाही में जौनसार बावर के कुल नौ युवक लापता हुए थे. सात फरवरी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलने के बाद भी लापता युवकों में से सिर्फ ददोली निवासी अनिल पुत्र भगतू का ही शव बरामद हुआ. बाकी आठ युवकों का कोई सुराग न मिलने पर स्वजनों की उम्मीद टूट गई.

पंजिया गांव के ग्रामीण आपदा के बाद से ही उदास हैं. ग्रामीण अपनी दिनचर्या, खेती-बाड़ी के काम तक नहीं कर पा रहे हैं. लापता युवकों की तलाश में परिजन तपोवन भी पहुंचे, लेकिन उन्हें निराश ही लौटना पड़ा. पंजिया गांव के लापता दो सगे भाई संदीप और जीवन सहित हर्ष और कल्याण का कुछ सुराग न लगने पर स्वजनों ने रविवार को उन्हें मृत मानते हुए उनके पुतले बनाए और उनका यमुना किनारे अंतिम संस्कार कर दिया.

पढ़ें :उत्तराखंड ग्लेशियर हादसा : नौंवे दिन भी राहत और बचाव कार्य जारी, अब तक 51 शव बरामद

गौरतलब है कि पंजिया गांव निवासी जवाहर सिंह के दो बेटे संदीप और जीवन तीन महीने पहले ही मजदूरी करने जोशीमठ गए थे, लेकिन आपदा के बाद से ही उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. उधर, पूरण सिंह का बेटा हर्ष भी तपोवन में मजदूरी करने गया था, लेकिन उनका भी बेटे से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. वहीं, कल सिंह और पानो देवी का बेटा कल्याण भी आपदा के बाद से ही लापता था. कल्याण का ढाई महीने का बेटा भी है. हालांकि, जैसे-जैसे समय बढ़ता जा रहा है अनहोनी की आशंका में परिजनों की उम्मीद भी जवाब देती जा रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details