कोलकाता: पिछले 36 सालों से हर दिन सूर्यास्त के बाद उनके घर में अंधेरा छा जाता था. सकीना शेख के परिवार को अपना मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए भी अपने पड़ोसियों पर निर्भर रहना पड़ता था. और सकीना का घर पश्चिम बंगाल के किसी दूर-दराज के गांव का नहीं बल्कि कोलकाता का ही है. चिलचिलाती गर्मी में काम पर लंबे दिन के बाद घर लौटना और पंखे या एयर कंडीशनर को पूरी गति से चालू करना ज्यादातर लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है, खासकर कोलकाता जैसे मेट्रो शहर में रहने वालों के लिए.
लेकिन सकीना शेख के परिवार के साथ ऐसा नहीं रहा. गरिया के ब्रह्मपुर पड़ोस में शहर के दक्षिणी छोर पर स्थित, उनका घर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के सीधे अधिकार क्षेत्र में आता है. पिछले 36 सालों से हर दिन सूर्यास्त के बाद उनके घर में अंधेरा छा जाता था. क्योंकि वह परिवार बिजली का कनेक्शन लेने में सक्षम नहीं था. यह सकीना शेख और उनके परिवार की कहानी है जो 36 साल से बिना बिजली कनेक्शन के रह रहे थे. आर्थिक तंगी के कारण वे बिजली का कनेक्शन लेने में असमर्थ थे. लेकिन जैसे-जैसे साल बीतते गए उन्होंने महसूस किया कि बिजली के कनेक्शन के बिना रहना मुश्किल है.
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