कासरगोड (केरल) : पेरिया एदामुंडा की रहने वाली यशोदा और उनकी बेटी गोबर कीट के कारण घर में न तो खा पा रही थीं और न ही सो पा रही थीं. दोनों सालों से इस घर में रह रहे हैं. घर के निर्माण के पहले दो महीनों में कोई समस्या नहीं थी. लेकिन उसके बाद गोबर कीट का प्रकोप बढ़ता गया. उन्होंने ने कहा कि गोबर कीट का प्रकोप सालों से झेल रही हैं. उन्होंने कहा कि कीट के प्रकोप ने उनकी बेटी की पढ़ाई को भी प्रभावित किया है.
केरल के इस घर पर कीड़ों का कब्जा, मालकिन को छोड़ना पड़ा मकान - Pests in Kasaragod Periya
घर के निर्माण के पहले दो महीनों में कोई समस्या नहीं थी. लेकिन उसके बाद गोबर कीट का प्रकोप बढ़ता गया. उन्होंने ने कहा कि गोबर कीट का प्रकोप सालों से झेल रही हैं.
कीट से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय किए लेकिन सफल नहीं हुए. इससे परिवार को सोने के लिए किराए के मकान पर निर्भर रहना पड़ रहा है. कीट दीवारों, खिड़कियों और कपड़ों सहित सब जगह आ जाते हैं. घर के अंदर हजारों कीड़े हैं. मानसून के मौसम में परेशानी और बढ़ जाती है. सोने के लिए लेटने पर यह कानों में चला जाता है. शरीर से टकराने पर शरीर में जलन होने लगती है. यशोदा कहती है कि वह बदबू के कारण घर में खा भी नहीं सकती.
पढ़ें : हैवानियत! शख्स ने अपनी बेटी से किया कई बार दुष्कर्म, 106 साल जेल की सजा
पेरिया एदामुंडा में यशोदा का घर 5 सेंट जमीन पर है. उन्होंने यहां से सुरक्षित स्थानांतरण के लिए विभिन्न सरकारी कार्यालयों में आवेदन किया है. यशोदा के पति की मृत्यु हो गई है. वर्तमान में उनके ऊपर आश्रित उनकी एक बेटी है. जो स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा है. यमुना भी कीड़े के काटने से पीड़ित है. उसका कहना है कि हर कीड़े परेशान करते हैं. दंपति फिलहाल रात में अपने एक रिश्तेदार के घर रह रहा है. उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता कि यह सिलसिला कब तक चलेगा.