आगरा :जगदीशपुरा पुलिस कस्टडी में सफाई कर्मचारी अरुण की मौत के बाद उसके परिवार ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि इस परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और पुलिस वालों ने कमाई का जरिया भी छीन लिया है. परिवार बड़ी मुश्किल से गुजर बसर कर रहा है. लेकिन, मालखाना से 25 लाख रुपये की चोरी में परिवार चर्चा में आ गया. परिवार, परिचित और रिश्तेदारों की आफत आ गई. सभी ने पुलिसिया कहर का सामना किया.
वहीं, अरुण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर परिवार का कहना है कि अरुण को कोई बीमारी नहीं थी. उसका सिर तक नहीं दुखता था और ऐसे में कैसे मान लिया जाए कि उसकी हार्टअटैक से मौत हुई है.
ईटीवी भारत की टीम से बात करतींं अरुण की पत्नी सोनम मृतक अरुण की भाभी सुनीता ने कहा कि इस छोटे से मकान में सास कमला देवी के साथ उसके देवर सोनू, बंटी, रिंकू और अरुण का परिवार रहता है. इसमें पांचों भाइयों की पत्नी के साथ 12 बच्चे भी हैं. ऐसे में पुलिस ने हमारे यहां लूटपाट की. अलमारी के ताले तोड़ दिए और जो उसमें रखा था, वह सब निकाल ले गए. बेटी की शादी के लिए रखे हुए गहनों के साथ ही गुल्लक तक पुलिस वाले ले गए.
मृतक अरुण की पत्नी सोनम का कहना है कि पति को कोई बीमारी नहीं थी. वो स्वस्थ थे और जब पुलिस ने पकड़ा था, उस समय भी स्वस्थ थे. उनके सिर में भी दर्द नहीं होता था. थाने में मेरी पति से जब बात हुई थी, तब वह ठीक थे और जब पुलिस मुझे पीट रही थी, तब उन्होंने पुलिस को रोकने की कोशिश की थी. लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने. अब पुलिस कह रही है कि उसकी हार्ट अटैक से मौत हुई है.
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उन्होंने कहा कि जिस दिन मालखाने में चोरी हुई, परिवार पर मानों पुलिस का कहर टूट पड़ा. पुलिस ने घर में खूब लूटपाट मचाई. जो मिला उसे बटोरते गए. खूब गालियां दी. इतना ही नहीं महिलाओं और बच्चों को भी नहीं छोड़ा. मृतक अरुण की भाभी सुनीता का कहना है कि परिवार की महिलाओं और पुरुषों के साथ ही रिश्तेदारी की भी पुलिस ने मारपीट की. रिश्तेदारों को घर से उठाया और पीटा अवैध हिरासत में रखा. इतना ही नहीं घर में आकर जो अलमारी थी. उनके ताले तोड़ दिए. उनमें मेरी बेटी की शादी के लिए रखे हुए गहने तक पुलिसकर्मी लूट ले गए. इसके साथ ही छोटी बच्ची की गुल्लक को भी पुलिसकर्मी उठा ले गए हैं.
मां कमला देवी ने बताया कि पहले मैं जगदीशपुरा थाने में सफाई करती थी. पहले यहां सिर्फ पीली कोठी थी. थाना भी नहीं था, उसके बाद थाना बना. तो वहां पर मैंने काम करना शुरू कर दिया. अरुण बहुत छोटा था. तभी से उसने थाने में साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया था. ऐसा नहीं है कि पुलिसकर्मी उस पर विश्वास नहीं जताते थे.
बता दें कि 16 अक्टूबर 2021 की रात जगदीशपुरा थाना परिसर में पिछला दरवाजा और खिड़की तोड़कर मालखाना में सेंध लगाई गई थी. मालखाने से 25 लाख रुपये चोरी हुए थे. इसकी जानकारी 17 अक्टूबर की सुबह हुई थी. इसके बाद पुलिस महकमे में खलबली मची गयी थी. पुलिस की कई टीमें इसकी छानबीन में जुटी थीं. मंगलवार को पुलिस ने सफाई कर्मी अरुण को दबोच लिया था. उससे पूछताछ की. मंगलवार देर रात पुलिस ने अरुण की निशानदेही पर उसके घर से 15 लाख रुपये बरामद किए. लेकिन तभी अरुण की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.