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Falaknuma Express fire: इस शख्स ने चेन खींचकर रोकी थी ट्रेन, ETV Bharat को बताई आपबीती - तेलंगाना में ट्रेन में आग

तेलंगाना के यदाद्रि भुवनागिरी जिले के पगिडीपल्ली और बोम्मईपल्ली के बीच 7 जुलाई 2023 को फलकनुमा एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी. इस ट्रेन में सफर कर रहे सिगिला राज ने उस दिन अगर ट्रेन को चेन खींचकर रोका नहीं होता, तो वहां का मंजर कुछ और होता. ईटीवी भारत ने सिगिला राज से खास बातचीत की है.

Falaknuma Express
फलकनुमा एक्सप्रेस

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Published : Jul 10, 2023, 11:24 AM IST

हैदराबाद:तेलंगाना में कुछ दिन पहलेफलकनुमा एक्सप्रेस के चार डिब्बों में आग लग गई थी, जानकारी के मुताबिक इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई थी. यह हादसा बड़ा हो सकता था अगर पटापट्टनम के रहने सिगिला राज ने ट्रेन को चेन खींचकर रोका ना होता. उन्होंने खतरे को भांपते हुए ट्रेन की चेन खींच दी और यात्रियों को अलर्ट कर दिया. सिगिला राज 10 साल से लक्ष्मीनगर, आईडीए बोल्लाराम इलाके में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहते हैं. उन्होंने 'ईटीवी भारत' को बताया कि आखिर उस दिन क्या हुआ था?

अपने परिवार के साथ सिगिला राज.

सिगिला राज ने ईटीवी भारत को बताया कि हम ओडिशा में अपनी दादी के गांव परलाकिमिडी से वापस आते समय पलासा से ट्रेन में चढ़े थे. मैं, मेरी मां पार्वती, बहन पावनी और दादी बृंदावती के साथ एस-4 डिब्बे में बैठे थे. लगभग 11 बजे मैं ऊपर की बर्थ पर लेटा हुआ था और मुझे रबर जलने जैसी गंध आ रही थी और छत से गर्मी आ रही है. जब मैं सोच रहा था कि धूप होनी चाहिए तो गंध की तीव्रता बढ़ती गई.

मैंने नीचे झांककर खिड़की से देखा तो धुआं निकल रहा था. मैं तुरंत चिल्लाया. उन्होंने ट्रेन रोकने के लिए चेन खीची लेकिन ट्रेन नहीं रुकी. उसके बाद उन्होंने दूसरी बार जोर से चेन खींची, तब ट्रेन रुकी. यात्री पहले से ही चिल्ला रहे थे. मैंने फायर स्टेशन और 108 को सूचना दी. मैंने जल्दी से अपने परिवार को नीचे उतारा, क्योंकि आग मेरी ही बोगी में लगी ती. उन्होंने बताया कि आग में हमारे तीन बैग, नकदी और उपकरण जल गए. मैंने साथी यात्रियों को नीचे उतरने में मदद की.

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देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. उन्होंने बताया कि बहुत अधिक धुआं सूंघने के बाद मैं बेहोश हो गया. उसके बाद उनको भुवनगिरी अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां इलाज के दौरान मुझे शाम 4 बजे होश आया. उसके बाद रात 11 बजे आईडीए बोल्लाराम के घर पहुंचा. उन्होंने कहा कि कुछ ही मिनट में सभी यात्री नीचे उतर गए. अगर पांच या छह मिनट की देरी हो जाती तो बड़ी क्षति हो सकती थी.

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