अहमदाबाद: जम्मू-कश्मीर में पीएमओ ऑफिसर बनकर जेड प्लस सुरक्षा, फाइव स्टार होटलों में ठहरने और बुलेट प्रूफ कार जैसी उन्नत सुविधाएं इस्तेमाल करने वाले महाठग किरण पटेल की एक के बाद एक पोल खुल रही है. गौरतलब है कि अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी किरण पटेल के परिवार, दोस्तों और उनके करीबी लोगों से पूछताछ के लिए अहमदाबाद शहर में कैंप लगाया है. सोशल मीडिया पर लंबे समय से किरण पटेल की पोल खोल रहे युवक से ईटीवी भारत ने बातचीत की है.
किरण पटेल का आपराधिक ब्योरा: साल 2021 में महाठग किरण पटेल वडताल स्वामीनारायण पंथ में शामिल हुआ था. ऐसा कहकर उसने लाखों रुपए ठग लिए थे. जिसमें दो सेवानिवृत्त डीवाईएसपी, एक पीआई, दो पीएसआई समेत पांच लोगों से किरण पटेल ने लाखों रुपये की ठगी की है. घटना के एक साल पहले अहमदाबाद के नरोदा पुलिस स्टेशन में किरण पटेल और उनके भाई मनीष पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की गई थी.
इस शिकायत बताया गया है कि दोस्ती कर रिटायर्ड डीवाईएसपी के करीबी लोगों से ठगी की गई. आरोपी ने कहा था कि सेवानिवृत्त डीवाईएसपी एन. के परमार अपने करीबी दोस्तों के साथ वडताल स्वामीनारायण मंदिर में साधु संतों को गाड़ी दी जाएगी. जिसके अनुसार 30 हजार रुपये प्रति माह संप्रदाय की ओर से खर्च के रूप में दिए जाएंगे. ऐसी लालच भरी बातें कर आरोपी ने ठगी को अंजाम दिया.
किरण पटेल ने ऑर्गनाइज 2021 में वडोदरा में गरबा भी किया था. हालांकि उस वक्त खुद किरण पटेल ने यह बात कही थी. वह पीएम कार्यालय में सोशल मीडिया का प्रभारी था और सोशल मीडिया पर अलग-अलग नेताओं के साथ फोटो डालकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाता था. महाठग किरण पटेल ने साल 2021 और उससे पहले भी प्रदेश के कई किसानों को अपनी ठगी का शिकार बनाया था.
महाठग किरण पटेल ने भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय जोशी समेत कई वरिष्ठ नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें खींची और इन तस्वीरों के आधार पर किसानों से ठगी भी की है. किरण पटेल ने अपने परिवार की मदद से किसानों से पैसा वसूलना शुरू कर दिया. जिसमें उन्होंने लोगों को नेताओं के साथ अपनी फोटो दिखाई और पहले उन्हें विश्वास में लिया और अहमदाबाद के सीजी रोड पर मोदी फिड कॉन्सेप्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी खड़ी कर दी.
फर्जी कंपनी सीईओ बताकर किसानों को अच्छा रिटर्न का झांसा दिया. जिसके बाद किरण पटेल के बड़े भाई मनीष पटेल ने दावा किया कि आनंद के बोरसद में तंबाकू खरीदने का बड़ा लेन-देन हुआ था. किसानों को तंबाकू में निवेश का झांसा देकर 1.25 करोड़ की ठगी की. दोनों भाइयों ने अपने रिटायर्ड बैंक मैनेजर चाचा विठ्ठल पटेल की भी मदद ली. उनके चाचा ने लोगों में निवेश करने के लिए अपनी पहचान का इस्तेमाल किया.