कोलकाता: पश्चिम बंगाल में फर्जी टीकाकरण से लेकर फर्जी आईपीएस, फर्जी डॉक्टर और यहां तक कि फर्जी आईएएस तक, पश्चिम बंगाल की जनता ने यह सब देखा है. अब एक नया मामाला सामने आया है, जहां एक फर्जी विधायक को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पकड़ा गया है, जिससे विधानसभा की सुरक्षा सवालों के घेरे में आ गई है. बता दें कि विधानसभा विधायकों की कार्रवाई का स्थान है. राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी विधानसभा में आते हैं.
इसलिए इन वीवीआईपी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है. लेकिन उस कड़ी सुरक्षा की असली तस्वीर बुधवार को सामने आई है. जिस समय राज्य विधानसभा में राज्य का सबसे महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था, उसी दौरान परिसर में एक नकली विधायक पकड़ा गया. इस व्यक्ति ने सिर्फ विधान सभा के प्रवेश द्वार में ही नहीं बल्कि, विधान सभा (विधानसभा) के बरामदे में भी प्रवेश किया. बता दें कि पोर्टिको विधानसभा के मुख्य हॉल का बाहरी हिस्सा है.
इससे पहले उस व्यक्ति ने सुरक्षा के दो स्तर पार किए. विधान सभा के गेट से आगे वह व्यक्ति मुख्य भवन तक पहुंच गया. जानकारी के अनुसार उसका नाम गजानन साहा है. फर्जी विधायक ने कहा कि वह सहकारिता मंत्री अरूप राय के स्थान पर विधानसभा आया था. उससे पूछा गया कि वह कहां से आ रहा है, तो उसने कहा कि वह हरीश चटर्जी स्ट्रीट से आया है. उसके शब्दों में विसंगतियों के संदेह के बाद, विधायक से लंबी पूछताछ की गई और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया.
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लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि विधायक के भेष में एक व्यक्ति सुरक्षा की कमी में विधानसभा के बरामदे में कैसे घुस गया.संबंधित व्यक्ति को पूछताछ के लिए हेयर स्ट्रीट थाने को सौंप दिया गया है. वह विधानसभा में क्यों आया? उसने अरूप रॉय का नाम क्यों लिया? उसने हरीश चटर्जी स्ट्रीट की बात क्यों की? पुलिस उससे पूछताछ कर इन सवालों का जवाब तलाश रही है. इस घटना पर विपक्षी राजनीतिक दलों ने चिंता जताई है.