नई दिल्ली : देश में फर्जी भारतीय करेंसी नोटों (FICN) के प्रचलन को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों जैसे सीबीआई, एनआईए और राज्य पुलिस ने कई कदम उठाए. इसके बावजूद 2021 में देश भर से 20,39,29,260 कीमत के 310080 कुल नकली नोट जब्त किए गए हैं. एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट से पता चला है कि आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से 2000 के नकली नोटों जब्त किये गए हैं. 2021 में तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल के साथ कई राज्यों से 500 के नकली नोटों की एक बड़ी खेप बरामद की गई थी. महाराष्ट्र और असम उन राज्यों की सूची में आगे है, जहां इस तरह के नकली नोट जब्त किए गए हैं.
वर्ष 2021 में सुरक्षा एजेंसियों ने आंध्र प्रदेश से 2000 के 1,00,24,000 की कीमत के 5012 फेक करेंसी, गुजरात से 2000 के (2992 नोट) 59,84,000 रुपये, केरल से 1, 81,30,000 रुपये (9065 नोट), मध्य प्रदेश से 49,92,000 रुपये (2496 नोट), महाराष्ट्र से 83,30,000 रुपये (4165 नोट), तमिलनाडु से 5,00,24,000 रुपये (25012 नोट) और पश्चिम बंगाल से 46,94,000 रुपये (2347 नोट) के नकली करेंसी जब्त किया गया था.
पिछले साल गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, दिल्ली जैसे राज्यों से भी 1000 रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं. भारत सरकार ने 2016 में विमुद्रीकरण की ऐतिहासिक प्रक्रिया के दौरान 500 रुपये और 1000 रुपये के बैंक नोटों के प्रचलन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. जहां तक 2000 के नकली नोटों का सवाल है, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, असम जैसे राज्यों में सबसे अधिक जब्ती हुई.
एनसीआरबी के आंकड़ों में आगे कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली में 2930 कीमत के 10 के 293 नकली नोट भी बरामद किए गए हैं. FICN पर NCRB की रिपोर्ट निश्चित रूप से खतरे की घंटी की तरह है, क्योंकि इससे पता चलता है कि भारत की सुरक्षा के प्रति दुश्मन की ताकतें देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए बेताब हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जिसे गृह मंत्रालय ने एफआईसीएन रैकेट की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है, नकली नोटों की आपूर्ति में सीधे तौर पर शामिल कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
ईटीवी भारत को एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जांच के दौरान हमने पाया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु के साथ-साथ पूर्वोत्तर में भारत विरोधी कार्यकर्ता पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन के साथ मिलकर भारतीय अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के लिए FICN को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं." अधिकारी के मुताबिक, एनआईए दूसरे देशों की सुरक्षा एजेंसियों के भी संपर्क में है, ताकि भारत में एफआइसीएन को बढ़ावा देने में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा सके. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पहले संसद में सूचित किया था कि 2020 में देश में जब्त किए गए FICN की संख्या 2019 में 2,87,404 से 190 प्रतिशत बढ़कर 8,34,947 हो गई है.