जयपुर. राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में फार्मासिस्ट भर्ती को लेकर लगातार फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं. दरअसल भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले आवेदक फर्जी डिग्री डिप्लोमा लगा रहे हैं. इनमें बाहरी राज्यों के आवेदक सबसे अधिक फर्जी डिग्री डिप्लोमा लगा रहे (Fake Pharmacist degree and diploma for recruitment in Rajasthan) हैं. पिछले 2 महीने की बात करें, तो इस तरह के फर्जी मामले राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में सर्वाधिक देखने को मिले हैं.
ऐसे में राजस्थान फार्मेसी काउंसिल ने फर्जी डिग्री डिप्लोमा को लेकर संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालय को सूचना भेजी है. दरअसल फार्मासिस्ट भर्ती के लिए पिछले कुछ समय से फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन आ रहे हैं. जब काउंसिल ने इन आवेदनों की जांच की, तो बड़ी संख्या में डिग्री और डिप्लोमा (Rajasthan Pharmacist recruitment) फर्जी पाए गए. करीब 2 महीने पहले राजस्थान फार्मेसी काउंसिल ने फार्मासिस्ट भर्ती के लिए करवाए गए रजिस्ट्रेशन में से 46 डिग्री और डिप्लोमा फर्जी पाई गए. जिसके बाद काउंसिल ने संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालयों को इसकी सूचना भेजी है. इसके अलावा 2 दिन पहले एक बार फिर 33 छात्रों की डिग्री और डिप्लोमा फर्जी पाए गए.
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इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा का कहना है कि प्रदेश में फार्मासिस्ट भर्ती मेरिट के आधार पर की जाएगी. ऐसे में बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं. राजस्थान से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी फार्मासिस्ट आवेदन कर रहे हैं. ऐसे में अन्य राज्यों से फर्जी डिग्री और डिप्लोमा बनाकर पेश किए जा रहे हैं. सर्वेश्वर शर्मा का कहना है कि इस तरह से फर्जी डिग्री और डिप्लोमा लेकर रजिस्ट्रेशन करवाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
वहीं, राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार नवीन सांघी का कहना है कि पिछले 2 महीने में तकरीबन 79 मामलों में डिग्री और सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं. इसे लेकर काउंसिल की ओर से एक बैठक भी की जाएगी और एक खाका तैयार किया जाएगा ताकि फर्जी डिग्री और डिप्लोमा लगाने वाले आवेदकों पर कार्रवाई की जा सके. क्योंकि फार्मासिस्ट भर्ती की प्रक्रिया के तहत पिछले कुछ समय में बाहरी राज्यों से इस तरह के मामले काफी सामने आए हैं.
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इन राज्यों से सर्वाधिक मामले:पिछले 2 महीने में बड़ी संख्या में फार्मासिस्ट भर्ती को लेकर फर्जी डिग्री-डिप्लोमा के मामले सामने आए हैं. इनमें सबसे अधिक मामले हरियाणा से देखने को मिले हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से भी काफी बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के आधार पर आवेदन किए गए हैं. फर्जी आवेदन के बाद काउंसिल ने संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. इसके अलावा काउंसिल इस तरह फार्मेसी की फर्जी डिग्री पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन बनाने की भी तैयारी कर रहा है.
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गैर-फार्मासिस्ट नहीं बनेगा अब अध्यक्ष:राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में अब लॉबिंग और सरकार का चहेता अध्यक्ष नहीं बन सकेगा. दरअसल अब तक राज्यों में स्टेट फार्मेसी काउंसिल में गैर-फार्मासिस्ट काउंसिल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनते आए हैं. ऐसे में अब फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने बड़ा फैसला लेते हुए नियमों में बदलाव किया है. नए नियमों के अनुसार अब स्टेट काउंसिल का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष फार्मासिस्ट ही बनेगा. फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी राज्यों के लिए यह नए आदेश जारी कर दिए हैं. जिसका असर राजस्थान फार्मेसी काउंसिल पर भी होगा.