बेंगलुरु : सत्तारूढ़ भाजपा कर्नाटक में पहली बार मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है. लेकिन पार्टी में अंदरुनी लड़ाई सत्ता में वापसी में प्रमुख बाधा बन कर उभर रही है. कर्नाटक को भगवा पार्टी के लिए दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार माना जाता है. पहले पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समुदाय के नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने पार्टी का नेतृत्व किया था और पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था. 2013 में जब येदियुरप्पा ने नई पार्टी बनाई तो बीजेपी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था.
2019 के चुनावों में हालांकि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन उसे ऑपरेशन लोटस के माध्यम से बहुमत पूरा करना पड़ा. बदले हुए परि²श्य में, येदियुरप्पा को पद छोड़ने के लिए कहा गया और उनकी इच्छा और संघ परिवार की सहमति के अनुसार, बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया गया. बोम्मई ने अच्छी शुरूआत की और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की कि आगामी विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा. पार्टी के राज्य प्रभारी अरुण सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी बोम्मई का समर्थन किया.
हालांकि, पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने यह कहते हुए कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया कि बोम्मई उनसे जूनियर हैं. धीरे-धीरे, राज्य के नेताओं ने खुद पर जोर दिया और मांग की कि आगामी विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़े जाएं. इस बीच, बोम्मई एक बड़े नेता के रूप में उभरने में विफल रहे और चुनावों से पहले पार्टी के साथ-साथ बोम्मई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे पर अधिक भरोसा कर रहे हैं.
जिस पार्टी ने हाल तक 80 वर्षीय येदियुरप्पा को दरकिनार किया था, वह उनके पास वापस चली गई है. पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सार्वजनिक रूप से घोषणा कर रहे हैं कि अगली सरकार येदियुरप्पा की इच्छा के अनुसार बनेगी. इसके बाद, पार्टी ने राज्य में मोदी और अमित शाह की सार्वजनिक रैलियों और रोड शो के माध्यम से कुछ गति प्राप्त की. उधर, कांग्रेस केवल एक बार प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रचार के लिए कर्नाटक ला चुकी है और राहुल गांधी अगले सप्ताह दौरा करने वाले हैं. मोदी हाल के दिनों में पांच बार राज्य का दौरा कर चुके हैं और आने वाले दिनों में उनका कार्यक्रम तय है.
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने पीएम मोदी को पोल एजेंट बताया. नेता प्रतिपक्ष सिद्दारमैया ने सवाल किया कि क्या मोदी या अमित शाह कर्नाटक के सीएम बनने जा रहे हैं? जद(एस) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि कोई भी दक्षिण कर्नाटक के लोगों की मानसिकता को नहीं बदल सकता. ऐसे समय में भगवा पार्टी को तब झटका लगा जब उसके विधायक मदल विरुपक्षप्पा टेंडर घोटाले में रिश्वत मामले में मुख्य आरोपी बन गए. उनके बेटे को 40 लाख रुपये कैश लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. इसके बाद हुए ड्रामे ने पार्टी की छवि को धूमिल किया.