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Fact check: क्या शोपियां में श्मशान भूमि को स्थानीय लोगों ने हड़प लिया? - Residents of Chhotigam village of Shopian district

दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले (Shopian district in South Kashmir) के छोटेगाम गांव के निवासियों ने कहा है कि श्मशान भूमि सहित अल्पसंख्यक पंडितों की किसी भी जमीन पर कब्जा या अतिक्रमण नहीं किया गया है. हालांकि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि वे इस मामले को जल्द से जल्द देखेंगे.

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फैक्ट चेक

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Published : Apr 6, 2022, 9:25 PM IST

Updated : Apr 8, 2022, 10:28 AM IST

श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में शोपियां जिले (Shopian district in South Kashmir) के छोटेगाम गांव के निवासियों ने कहा है कि अल्पसंख्यक पंडितों की किसी भी जमीन या श्मशान भूमि पर कब्जा नहीं किया गया है. दरअसल, बीते मंगलवार की शाम अज्ञात बंदूकधारियों ने एक पंडित दुकानदार सोनू कुमार पर नजदीक से फायरिंग कर दी, जिससे वह घायल हो गये.

घटना के एक दिन बाद घायल पंडित सोनू कुमार के भाई अनिल कुमार ने एक टीवी चैनल को बताया कि उनके परिवार ने 1990 में कश्मीर से पलायन नहीं करके बहुत बड़ी गलती की. उन्होंने कहा कि उनके भाई पर हमला वास्तव में उनकी जमीन हड़पने की योजना है. अनिल ने कहा कि उनके श्मशान घाट पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है और उस पर मकान बना दिए गए हैं.

कुछ भी कहने से इनकार:बुधवार को जब ईटीवी भारत संवाददाता ने अनिल से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि भावुकता में उन्होंने कुछ ऐसे शब्द कहे हैं जिन्हें वे दोहराना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि वे अपने घायल भाई के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं. परिवार उनके घर लौटने के बाद ही बात करने की स्थिति में होगा. ज्ञात हो कि घायल को स्थानीय मुस्लिम युवकों की मदद से गंभीर हालत में शोपियां अस्पताल ले जाया गया लेकिन बाद में उन्हें श्रीनगर में सेना के 15वें कोर बेस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

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पत्रकार के ट्वीट से बवाल:कश्मीरी पंडित व पत्रकार आदित्य राज ने ट्विटर पर अनिल कुमार का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ये कश्मीर फाइल्स की सच्ची कहानी है. अनिल का हवाला देते हुए उन्होंने लिखा कि उन्हें इंसान या हिंदू नहीं चाहिए. हमारे श्मशान पर भी कब्जा कर लिया गया है. हालांकि छोटागाम के मुस्लिम निवासी अनिल कुमार के आरोपों से इनकार करते हैं. उनका दावा है कि श्मशान अपने मूल स्वरूप में है. कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है. एक ग्रामीण ने कहा कि अगर पंडित चाहते हैं तो स्थानीय मुस्लिम पड़ोसी अपनी और जमीन श्मशान के लिए देने को तैयार हैं.

यह भी पढ़ें- Terrorist Attack in Kashmir: आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित को मारी गोली, हालत गंभीर

जमीन हड़पने के संबंध में स्थानीय लोगों ने दावा किया कि किसी भी मुसलमान ने अवैध रूप से जमीन पर कब्जा नहीं किया है. पंडितों की श्मशान भूमि बिल्कुल वैसी ही है, जैसी पहले हुआ करती थी. उन्होंने कहा कि हम हमेशा कश्मीरी पंडितों के साथ रहे हैं और उनके साथ रहेंगे. हालांकि स्थानीय नायब तहसीलदार गुलजार अहमद ने कहा कि वह कुछ महीने पहले पंडितों के एक त्योहार के सिलसिले में गांव गए थे. तब पंडितों ने श्मशान जाने के रास्ते की शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने कोई लिखित शिकायत नहीं दी थी. तहसीलदार ने कहा कि वे स्थिति का आकलन करने के लिए कुछ दिनों में घटनास्थल का दौरा करेंगे.

Last Updated : Apr 8, 2022, 10:28 AM IST

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