चिरांग (असम) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को असम पहुंच रहे हैं. शाह कूचबिहार के स्वयंभू 'राजा' अनंत राय से मिलने वाले हैं, जो कोच राजवंश के उत्तराधिकारी हैं. शाह की ये मुलाकात असम, पश्चिम बंगाल में चुनाव के मद्देनजर काफी मायने रखती है.
कोच वंश से जुड़ी काफी आबादी है. राजबोंगशी या कोच राजबोंगशी पूर्वोत्तर भारत के असम राज्य का समुदाय है जो कुछ हद तक पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग, बिहार, मेघालय, नेपाल, बांग्लादेश व भूटान में भी बसा हुआ है. यह मूल रूप से ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी के निचले भाग के वासी हैं और कामतापुर क्षेत्र में बहुसंख्यक हैं.
पश्चिमी असम के जिलों में उनकी आबादी 70 लाख के करीब है जो उत्तर बंगाल की सीमा से जुड़ा क्षेत्र है. इसी तरह बंगाल में करीब 19 लाख कोच राजवंशी मतदाता हैं, जो कम से कम 14 विधानसभा क्षेत्रों में बदलाव का कारण बन सकते हैं. आधिकारिक आंकड़ों की बात करें तो कोच राजबोंगशी पश्चिमी असम में 19 विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक हैं, जिन्हें बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) के तहत जिलों सहित निचले असम के रूप में भी जाना जाता है. अनंत राय उनके द्वारा स्थापित संगठन ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन (GCPA) के प्रमुख हैं.
शाह अच्छी खबर जरूर लाएंगे : अनंत राय
राय ने बुधवार को ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 'केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल मेरे घर मुझसे मिलने आ रहे हैं. जाहिर तौर पर इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं. उनको हमारी शाही विरासत की जानकारी है, इसलिए वह आ रहे हैं. हम कुछ राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.'