दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Eye on 2024 polls : 2024 के चुनाव पर नजर, खड़गे जल्द बुलाएंगे विपक्षी दलों की बैठक

राहुल गांधी मुद्दे पर विपक्षी एकता सामने आने के बाद कांग्रेस की नजर अब 2024 के चुनाव पर है (Eye on 2024 polls). यही वजह है कि कांग्रेस जल्द ही समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं की बैठक बुलाने की तैयारी कर रही है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्रिहोत्री की रिपोर्ट.

Congress president Mallikarjun Kharge
मल्लिकार्जुन खड़गे

By

Published : Apr 1, 2023, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : संसद के मौजूदा सत्र के दौरान 19 दलों के बीच विपक्षी एकता बनाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) 2024 के राष्ट्रीय चुनावों पर चर्चा के लिए जल्द ही समान विचारधारा वाले नेताओं की बैठक बुलाने जा रहे हैं.

संगठन के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'शीर्ष स्तर के नेताओं की बैठक बुलाने की आम मांग थी. हम उस पर काम कर रहे हैं.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी नेताओं की बैठक का विचार खड़गे द्वारा 27 मार्च को समान विचारधारा वाले दलों के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान आया था.

वर्ष 2019 के मानहानि मामले में राहुल गांधी को 23 मार्च को दोषी ठहराए जाने के साथ सजा सुनाई गई थी. इसके बाद राहुल गांधी को 24 मार्च को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इस घटनाक्रम के बाद संसद के अंदर और बाहर विपक्षी एकता नजर आई थी. खड़गे ने कूटनीति के तहत रात्रिभोज का भी आयोजन किया था.

खड़गे के डिनर 'गेट टुगेदर' के दौरान मौजूद एआईसीसी नेताओं ने कहा,' बैठक में 2024 को लेकर काफी चर्चा हुई लेकिन हम उन सभी बातों का खुलासा नहीं करना चाहते.' इन नेताओं के मुताबिक डिनर मीटिंग के दौरान राहुल ने विपक्षी नेताओं से कहा कि लड़ाई उनके लिए नहीं बल्कि देश में लोकतंत्र बचाने के लिए है.
कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, 'ये 19 पार्टियां बीजेपी के खिलाफ एकजुट हैं. शिवसेना भी हमारे साथ है.'

यहां तक ​​कि टीएमसी, जो संसद परिसर के अंदर खड़गे के नेतृत्व वाली विपक्षी रणनीति की बैठकों से दूर रहती थी, उसने भी रात्रिभोज में भाग लिया था. हालांकि शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट अनुपस्थित रहा था क्योंकि यह राहुल की सावरकर टिप्पणी से नाराज था. महाराष्ट्र स्थित पार्टी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के शिवसेना नेता संजय राउत से मिलने के अगले दिन कांग्रेस के साथ समझौता किया.

कांग्रेस प्रबंधकों के लिए 19 पार्टियों के बीच विपक्षी एकता के प्रदर्शन ने अडाणी मामले की जेपीसी जांच की मांग करने के लिए एक दबाव समूह के रूप में काम किया है. कांग्रेस ने राहुल की अयोग्यता को इस तरह प्रस्तुत किया है कि अडाणी मुद्दे पर सरकार से कड़े सवाल पूछने के कारण ऐसा किया गया है.

वेणुगोपाल ने कहा कि 'कुछ राजनीतिक दल राज्यों में आपस में लड़ रहे हैं. राज्यों में मतभेद के बावजूद देश के लोकतंत्र और संस्थाओं को बचाने के लिए ये सभी एक साथ आ रहे हैं. जाहिर है कि इन बुरी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए यह हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है. निश्चित रूप से इन बातों से चुनावी संभावनाएं भी बनेंगी.'

राज्यसभा में मुख्य सचेतक रमेश ने कहा कि संसद का गतिरोध आज तक हल नहीं हुआ है, लेकिन लंदन की टिप्पणी के लिए राहुल की माफी का मुद्दा खत्म हो गया था क्योंकि उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया.

रमेश ने कहा कि ' अडाणी मुद्दे पर जेपीसी जांच की हमारी मांग सोमवार, 3 अप्रैल को भी जारी रहेगी. लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने गतिरोध खत्म करने की कोशिश की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.'

रमेश ने कहा कि 'कंप्रोमाइज का फॉर्मूला बताए बिना राज्यसभा अध्यक्ष ने हमसे कहा कि 'कृपया, समझौता करें, कठोर मत बनें.' रमेश के मुताबिक, संसद में विपक्षी एकता से निपटने के लिए सरकार ने बिना चर्चा के ही वित्त विधेयक पारित कर दिया है और कुछ अन्य कानूनों के लिए भी यही रास्ता अपना सकती है.

पढ़ें- Saving tigers : देश में बाघों को बचाने की शुरुआत इंदिरा गांधी ने 50 साल पहले की थी: जयराम रमेश

पढ़ें- खड़गे ने प्रधानमंत्री पर 'भ्रष्टाचारी भगाओ अभियान' चलाने का आरोप लगाया

ABOUT THE AUTHOR

...view details