Eye Flu Cases Increased In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मानसून के साथ बढ़े आई फ्लू के केसेस, जानिए EYE FLU से कैसे बचें ?
Eye Flu Cases Increased In Chhattisgarh: मानसून में आई फ्लू का खतरा बढ़ जाता है. छत्तीसगढ़ में हर दिन 10 से 15 कंजक्टिवाइटिस के मरीज मिल रहे हैं. इस बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में जानने के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट
मानसून में आई फ्लू का खतरा
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Published : Jul 23, 2023, 9:40 PM IST
छत्तीसगढ़ में आई फ्लू के केस बढ़े
रायपुर:मानसून के साथ-साथ बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. खासकर आई फ्लू की शिकायत लोगों में अधिक होती है. इस बीमारी में आंखें लाल हो जाती है और आंखों में दर्द बढ़ जाता है. छत्तीसगढ़ में इन दिनों आई फ्लू के कई मरीज हर जिले में मिल रहे हैं. ये एक संक्रामक बीमारी है. जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तुरंत ही फैलती है.
आई फ्लू क्या होता है:आई फ्लू आंखों को संक्रमित करने वाली ऐसी बीमारी है. जो इन्फेक्शन की वजह से होती है. इस बीमारी में आंख की उस झिल्ली में संक्रमण होता है. जो आंख को ढक कर रखता है. इसे वायरल कंजंक्टिवाइटिस या PINK EYE भी कहा जाता है. यह रोग इंफेक्शन पैदा करने वाले वायरस के कारण किसी भी शख्स को हो सकता है. इस बीमारी में आंखों को कभी कभी नुकसान भी पहुंचता है. डॉक्टरों के मुताबिक जिन वायरस से यह बीमारी होती है. उनमें एडीनोवायरस, हर्पीस, सिंपल्स वायरस, पोल्स वायरस और मिक्सोवायरस शामिल हैं. इस बीमारी में आंखों के सफेद हिस्से में संक्रमण फैल जाता है. जिससे मरीज को देखने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
"सुबह उठ रहा था तो आंख नहीं खुल रही थी. फिर मैंने मम्मी को यह बताया और मैं स्कूल गया. फिर मेरी आंखें लाल हो गई थी और आंखों में दर्द हो रहा था". -आई फ्लू का मरीज
जानिए कैसे फैलता है आई फ्लू:अधिकतर लोगों का मानना है कि आई फ्लू आई कॉन्टैक्ट करने से फैलता है. हालांकि इस बारे में चिकित्सक कहते हैं कि ये न तो हवा के जरिए फैलती है ना ही आई कॉन्टैक्ट से बल्कि ये आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों से फैलता है.
तुरंत लें डॉक्टर की सलाह:इस बीमारी के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी का पता लगते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. हर दिन 10 मरीज छत्तीसगढ़ में मिल रहे हैं.
"आई फ्लू एक मौसमी बीमारी है. यह बारिश के मौसम में अधिक होती है. यह 2 से 4 हफ्ते तक रहता है. इससे बचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगह पर ना जाएं. जिन लोगो को कंजक्टिवाइटिस हैं, उनसे दूरी बना कर रखें. उनका सामान इस्तेमाल ना करें. कंजक्टिवाइटिस होने पर डॉक्टर की सलाह लें. छत्तीसगढ़ में रोजाना करीब 50 फीसद मरीज कंजक्टिवाइटिस के मिल रहे हैं. प्रदेश में हर दिन 10 मरीजों में ये लक्षण देखने को मिल रहा है." - डॉ प्रीति गुप्ता, नेत्र रोग विशेषज्ञ