देहरादून: कतर की कोर्ट ने जिन आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा दी है, उनमें से एक देहरादून के रहने वाले सौरभ वशिष्ठ भी हैं. इस खबर के बाद से ही सौरभ का परिवार काफी चितिंत है. सौरभ के पिता भी नौसेना में विंग कमांडर रहे हैं. सौरभ के पिता ने सोमवार 30 अक्टूबर को दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है. विदेश मंत्रालय ने कतर में फंसे सभी पूर्व सैनिकों के परिवारों को आश्वासन दिया है कि सरकार उन्हें वहां से सुरक्षित लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
भारतीय नौ सेना में पूर्व कैप्टन रहे सौरभ वशिष्ठ का घर देहरादून में है. इस मामले में सौरभ वशिष्ठ के पिता कुछ ज्यादा बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्हें भारत सरकार से पूरी उम्मीद है कि वो उनके बेटे सौरभ वशिष्ठ को कतर से जरूर निकालेगी और सकुशल भारत लेकर आएगी. इस मामले में क्लेमेंट टाउन रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी के सचिव और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के प्रतिनिधि महेश पांडे ने कहा कि अभी कुछ समय पहले ही उनकी मुलाकात सौरभ वशिष्ठ से हुई थी.
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महेश पांडे की मानें तो सौरभ वशिष्ठ बेहद ही सुलझे हुए और सौम्य व्यक्ति हैं. जबसे उन्हें और आसपास को लोगों को ये पता चला है कि कतर सरकार ने सौरभ वशिष्ठ समेत आठ भारतीयों को मौत की सजा दी है, तभी से वो लोग बेहद ज्यादा चितिंत हैं.
सीएम धामी ने भी विदेश मंत्रालय से बात: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सौरभ वशिष्ठ की रिहाई को लेकर लगातार विदेश मंत्रालय से बात कर रहे हैं और पूरी कार्रवाई की जानकारी ले रहे हैं. ईटीवी भारत के बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो इस मामले मे कुछ ज्यादा नहीं कह सकते क्योंकि ये बड़े स्तर का मामला है. भारत सरकार लगातार कतर सरकार से बातचीत कर पूर्व सैनिकों को छुड़ाने का प्रयास कर रही है, उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इस बातचीत का असर होगा और सभी पूर्व सैनिक अपने घर वापस आएंगे.
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इन आठ लोगों को कतर ने सुनाई सजा:दरअसल, कतर की अदालत ने जिन आठ भारतियों की मौत सजा सुनाई है, वो सभी भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर हैं. उन आठ पूर्व सैनिकों के नाम- कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश हैं.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड होने के बाद ये सभी लोग दोहा की एक कंपनी में काम कर रहे थे, जिसके काम से वो कतर गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड इन सभी अधिकारियों पर कतर की गुप्त जानकारी इजरायल को देने का आरोप है.
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वहीं, इस मामले में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकारी दी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि 30 अक्टूबर सुबह उन्होंने कतर में हिरासत में लिए गए सभी 8 भारतीयों के परिवारों से मुलाकात की. सरकार इस मामले को प्राथमिक तौर पर ले रही है. उन्होंने परिवार की चिंता और दु:ख को भी साझा किया है. भारतीयों की रिहाई के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार परिजनों को सभी अपडेट दे रही है.