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बच्चों के मानसिक विकास लिए प्राथमिक स्कूलों का फिर से खुलना जरूरी : स्वास्थ्य विशेषज्ञ

वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) की अध्यक्ष सुनीला गर्ग ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि प्राथमिक स्कूलों को फिर से खोला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल जाने से जो माहौल मिलता है, वह घर पर कभी नहीं मिल सकता है.

सुनीला गर्ग
सुनीला गर्ग

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Published : Aug 19, 2021, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोरोना रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन अभियान तेज गति से जारी है. इसी बीच भारत बायोटेक बच्चों के लिए कोवैक्सीन के आपातकालीन मंजूरी के लिए दवा नियामक को वैक्सीन के चरण 2 और 3 क्लीनिकल ट्रायल के ​​​​नतीजे प्रस्तुत करने वाला है.

इस संबंध में ईटीवी भारत ने वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) की अध्यक्ष सुनीला गर्ग से बात की. इस दौरान सुनीला गर्ग ने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलना सरकार का प्राथमिक एजेंडा है. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल जाने से जो माहौल मिलता है, वह घर पर कभी नहीं मिल सकता है.

उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों को फिर से खोला जाना चाहिए. भारत दुनिया के उन आठ देशों में शामिल है, जहां पर महामारी के चलते स्कूल बंद हैं. डॉ गर्ग ने कहा कि 10 से कम या 12 साल से कम उम्र के बच्चों में कोरोना का हल्का संक्रमण होता है. हालांकि, 12-18 साल की उम्र के बच्चे गैर-संक्रमणीय बीमारी की चपेट में आ जाते हैं.

सीरो-सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए डॉ. गर्ग ने बताया कि 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इस दौरान बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे. वे घर के अंदर थे, लेकिन वे बाजारों में गए होंगे. जहां से वे संक्रमित हुए थे. और उनके अंदर कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनी थी.

वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुनीला गर्ग से खास बातचीत.

गौरतलब है कि कई प्रदेशों की सरकारों ने कक्षा 9 से 13 तक के स्कूल खोलना शुरू कर दिया है. हालांकि, माता-पिता बच्चों को स्कूल भेजने से करता रहे हैं.

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों ने कक्षा नौ से बारह तक के स्कूलों को खोलने का फैसला किया है.

डॉ गर्ग ने कहा कि सभी शिक्षकों का टीकाकरण जरूरी है. स्कूल खोलना तीन बातों पर निर्भर करता है- पहला माता-पिता के दृष्टिकोण, दूसरा सरकारी दृष्टिकोण और तीसरा वैज्ञानिक दृष्टिकोण. डॉ गर्ग ने कहा कि कुछ राज्यों को छोड़कर, प्रमुख राज्यों में बहुत कम सीरो पॉजिटिविटी है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ गर्ग ने कहा कि प्राकृतिक संक्रमण हमेशा बेहतर होता है. गर्ग ने कहा कि देश में कोरोना के केसों में कमी दर्ज की गई है. इसके अलावा मृत्यु दर भी कमी आई है.

स्कूलों को फिर से खोलने के पीछे अपने बयान की पुष्टि करते हुए गर्ग ने कहा कि कुछ राज्यों को छोड़कर, अधिकतम राज्यों में बहुत कम सीरो पॉजिटिविटी पाई गई.

मेडीयर अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा के प्रमुख और एशियान सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तामोरिश कोले ने कहा कि बच्चों को टीकाकरण जरूरी है. यह कोरोना महामारी को रोकने में महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है.

कोले ने कहा कि देश में इस समय कोरोना के कम मामले आ रहे हैं. इसको देखते बच्च स्कूलों में लौट सकते हैं. हालांकि, छोटे बच्चों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन अधिकांश छात्र परिसर में लौट सकते हैं.

गौरतलब है कि भारत में अब तक 57 करोड़ से अधिक लोंगों को कोरोना टीका लग चुका है.

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