नई दिल्ली :दिल्ली में लगातार चौथे दिन कोरोना के 400 से अधिक मामले दर्ज किए गए. विशेषज्ञों ने इसे लेकर चिंता जताई है. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन, दो गज की दूरी और प्लाज्मा थैरेपी जैसे तमाम उपाय अपनाए गए. देश में कोरोना टीकाकरण भी जोरों पर है, लेकिन कोरोना वायरस से छुटकारा नहीं मिला है.
विशेषज्ञों की मानें, तो कोरोना वायरस एक नए स्वरूप में फिर से लौट चुका है, जो पहले से ज्यादा खतरनाक है. कुछ विशेषज्ञ इसके लिए सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर अग्रवाल बताते हैं, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कोरोना की एक और शक्तिशाली लहर आ चुकी है. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 10 फरवरी से लेकर 10 मार्च तक 9903 कोरोना के नए मामलों से लेकर 22,854 केस सामने आए हैं. लगभग ढाई गुना नए केस तक आने में केवल 20 दिन लगे.
अगर इसकी तुलना पिछले साल 3 जून से लेकर 3 जुलाई तक आने वाली लहर के साथ करें, तो यह आंकड़ा 9633 से लेकर 22,771 केस सामने आए थे, लेकिन इसमें एक अंतर यह है कि जो मामले अभी पिछले 20 दिनों में सामने आए हैं, लगभग इतने ही मामले तक पहुंचने के लिए पिछले साल जून से जुलाई महीने के बीच 1 महीने का समय लगा था. इसका मतलब यह है कि अभी कोरोना की जो नई लहर आई है, वह पिछले लहर की तुलना में 10 दिन ज्यादा तेज है.
वायरस नया है
डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि जब भी दूसरी लहर ज्यादा तेज होती है, तो इसका मतलब स्पष्ट है कि यह एक नया वायरस है. कोई ऐसा कारक है जो सुपर स्प्लेंडर का काम कर रहा है. कुर्ला से पटना के लिए सरकारी गाइडलाइंस के प्रति लापरवाह हो गए हैं और प्रशासनिक तौर पर भी यह एक असफलता है.
कोरोना को बढ़ाने में सरकार की भूमिका
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के सचिव और वैक्सीन india.org के फाउंडर डॉ. अजय गंभीर बताते हैं कि राजधानी दिल्ली समेत पूरे देशभर में एक बार फिर कोरोना वायरस की लहर चल पड़ी है. महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक समेत पांच राज्यों की हालत ज्यादा खराब है. हैरानी इस बात की नहीं है कि लोग लापरवाह हो गए हैं. उनके अनुमान के मुताबिक, कोरोना को नियंत्रित करने में सरकार विफल रही है, जिसके कारण कोरोना तेजी से फैल रहा है.
डॉ. गंभीर बताते हैं कि अभी तक डिजास्टर एक्ट लगा हुआ है. डिजास्टर एक्ट में पीएम, सीएम और डीएम ही ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. किसी जिले के जिलाधिकारी का यह दायित्व होता है कि वह कोरोना से संबंधित सभी सरकारी गाइडलाइंस का पालन करवाएं. स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों को तत्काल बंद करने की जरूरत है, क्योंकि यही वह जगह है, जहां पर ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो रही है.