लखनऊ :उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर आशुतोष वर्मा ने कहा कि चार महीने पहले हुए पंचायत चुनाव में झटका लगने के बाद भाजपा को समझ आ गया है कि वह जनता से कितनी दूर हो गई है. इसी हताशा में वह जातिगत समीकरण साधकर इस दूरी को पाटने की कोशिश कर रही है. मगर इससे उसका कोई भला नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले साढ़े चार साल में प्रदेश में दलितों और पिछड़ों के साथ जमकर अन्याय किया. जब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने में महज ढाई-तीन महीने रह गए हैं, तब भाजपा मुखौटे मंत्रियों के जरिए अपनी नैया पार लगाने की जुगत भिड़ा रही है. इतने कम समय में यह मंत्री क्या काम करेंगे. इन्हें तो अपने विभाग का बजट भी नहीं मिल पाएगा.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के संयोजक ललन कुमार ने कहा कि यह चुनावी मंत्रिमंडल विस्तार जनता के हित में काम करने के लिए नहीं बल्कि भाजपा द्वारा अपना चुनावी हित साधने के लिए किया गया है. मगर जनता सत्तारूढ़ पार्टी की नीति और नियत से पूरी तरह वाकिफ हो चुकी है. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में जब चुनाव का समय आता है तो भाजपा मंत्रिमंडल विस्तार रूपी लॉलीपॉप लाती है और जातियों का समीकरण बैठा कर चुनाव जीतने की कोशिश करती है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने में महज तीन महीने बाकी हैं, ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर उसके नवनियुक्त मंत्री कब और क्या काम करेंगे. आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार का बहुप्रतीक्षित संविदा मंत्रिमंडल विस्तार हो गया. तीन महीने के लिए संविदा पर रखे गए मंत्रियों के बारे में चर्चा है कि दिसंबर में जब आचार संहिता लागू हो जाएगी, तब यह मंत्री क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा को आखिर दलित और पिछड़े लोग संविदा पर ही क्यों मिलते हैं.