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UP Assembly Polls: आई फैसले की घड़ी, उत्तर प्रदेश में सही होगा एग्जिट पोल या बदलेगी सत्ता

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections ) की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. 403 विधानसभा सीटों के लिए 4,412 कैंडिडेट की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई. 7 चरणों की वोटिंग का औसत निकालें तो यूपी में 59.6 फीसदी मतदान हुआ. 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी.

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यूपी चुनाव

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Published : Mar 9, 2022, 8:10 PM IST

नई दिल्ली:उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections ) की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. 403 विधानसभा सीटों के लिए 4,412 कैंडिडेट की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई. 7 चरणों की वोटिंग का औसत निकालें तो यूपी में 59.6 फीसदी मतदान हुआ. 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी. इससे पहले एग्जिट पोल में सर्वे एजेंसियों ने अपनी तरफ से नतीजे घोषित कर दिए हैं. एग्जिट पोल के आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर बहस जारी है. सभी एग्जिट पोल के औसत नतीजों पर नजर डालें तो यह सामने आया कि बीजेपी फिर से उत्तरप्रदेश में वापसी कर रही है. समाजवादी पार्टी की ताकत बढ़ी है, मगर वह अगले पांच साल विपक्ष में रहेगी. कांग्रेस और मायावती की पार्टी बसपा को इस चुनाव से खास फायदा मिला.

नेताओं ने की ताबड़तोड़ रैलियां
उत्तरप्रदेश में सात चरणों में वोटिंग हुई थी. इस दौरान सभी दलों के नेताओं ने ताबड़तोड़ रैलियां की. कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने 209 रैलियां और रोड शो कर प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. दूसरे नंबर पर योगी आदित्यनाथ रहे. उन्होंने पूरे राज्य में 203 रैलियां और रोड शो किए. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 131 रैलियां कीं. सात चरणों के मतदान के दौरान प्रधानमंत्री 28 रैलियों और रोड शो में शामिल हुए. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 54, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 43, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उप्र में 41 चुनावी रैलियां और रोड शो किए. बसपा प्रमुख मायावती ने सिर्फ 18 रैलियों को संबोधित किया.

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पार्टियों ने झोंकी पूरी ताकत
संभावित नतीजों के आकलन से पहले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों के बारे में बताना जरूरी है. बहुजन समाजवादी पार्टी ने सर्वाधिक 403 विधानसभा क्षेत्रों में कैंडिडेट उतारे थे. कांग्रेस ने भी 'लड़की हूं,लड़ सकती हूं' के नारे के साथ 400 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. बीजेपी 370 सीटों पर चुनाव लड़ी, बाकी की 34 सीटें उसने अपने सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को दे दी.

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इसके अलावा निषाद पार्टी के कई कैंडिडेट बीजेपी के टिकट पर भी लड़े. समाजवादी पार्टी ने 346 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे. पश्चिम यूपी में उसने राष्ट्रीय लोकदल से समझौता किया और आरएलडी के खाते में 26 सीटें आईं. पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी ने अपना दल (कमेरावादी) को और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से समझौता किया था. सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने 103 विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी खड़े किए थे.

सात चरणों में हुआ मतदान
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण में एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा और मथुरा जिलों में मतदान हुआ. पहले चरण का वोटिंग प्रतिशत 61.63 रहा. पहले चरण की वोटिंग के बाद यह माना गया कि आरएलडी और सपा गठबंधन ने बीजेपी को शिकस्त दे दी है. किसान आंदोलन के कारण कैराना दंगों का असर खत्म हो गया.

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राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी अपने परंपरागत वोटर जाट और मुसलमान को दोबारा साथ लाने में सफल हुए. यानी बीजेपी को वेस्टर्न यूपी में भारी नुकसान हुआ है. बीजेपी ने 2017 में 58 में से 53 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार 19 विधायकों के टिकट काट दिए थे. मगर एग्जिट पोल में बीजेपी को नुकसान तो हुआ है मगर मगर उतना नहीं, जितनी आशंका जताई गई थी.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण के लिए 9 जिलों की 55 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर जिलों में मतदान हुआ. मुस्लिम बाहुल्य इन सीटों पर समाजवादी पार्टी के बढ़त का आकलन किया जा रहा है. तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज, हाथरस, कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों में मतदान हुआ. इन इलाकों में बीजेपी को ज्यादा नुकसान नहीं होने की उम्मीद जताई गई है. कोरोना काल में शुरू हुई मुफ्त राशन की योजना और हर घर जल स्कीम का जादू बीजेपी को रास आ सकता है.

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चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें रायबरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, फतेहपुर और बांदा जिलों में मतदान हुआ. इनमें लखीमपुर, पीलीभीत दो ऐसे जिले हैं, जहां बीजेपी को नुकसान और समाजवादी पार्टी को फायदा मिल सकता है. यहां की एक-दो सीटों पर कांग्रेस को भी सफलता मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें अमेठी, रायबरेली, सुलतानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती और गोंडा जिलों में मतदान हुआ था . राजनीतिक पंडितों का अनुमान है कि पहले दो राउंड में नुकसान झेलने के बाद बीजेपी उसकी भरपाई इन जिलों में शुरू की. सुल्तानपुर में पार्टी के लिए अच्छे संदेश नहीं हैं.

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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के छठे और सातवें राउंड में पूर्वांचल में वोटिंग हुई थी. इन दो इलाकों में जीत के लिए भाजपा के आला नेताओं ने अपने घोड़े खोल दिए. इन दो चरणों में भाजपा छोड़कर जाने वाले नेताओं और एनडीए के सहयोगियों का भविष्य का फैसला हो गया. छवें चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान हुआ. इनमें गोरखपुर, अंबेडकर नगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीरनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया और बलिया जिलों में मतदान हुआ. इनमें आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र जिले शामिल हैं. पूर्वांचल की सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी बनारस में डटे रहे.

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