नई दिल्ली :भारतीय नौसेना के अभ्यास मिलान-2022 (Exercise Milan-2022) के लिए आमंत्रित किए गए 45 देशों में से अब तक तीन देशों ने भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है. कोविड महामारी की तीसरी लहर इसका कारण हो सकता है. हालांकि यह उम्मीद की जा रही है कि मिलान-22 का 11 वां संस्करण भारतीय नौसेना द्वारा विदेशी नौसेनाओं के साथ आयोजित अभ्यास भव्य और दमदार होगा.
भारतीय नौसेना के सूत्र के अनुसार विदेशी नौसेनाओं के कम से कम 12-14 युद्धपोतों के विशाखापत्तनम में 24 फरवरी से शुरू होने वाले नौ दिवसीय अभ्यास में भाग लेने की उम्मीद है. जबकि प्रमुख प्लेटफार्मों सहित भारतीय नौसेना की पूरी श्रृंखला इसमें भाग लेगी. सूत्र ने कहा कि चीजें अब बेहतर हो रही हैं. अभ्यास के लिए तब समय तय हुआ था जब कोविड का तीसरा चरण चरम पर था. लेकिन तब से बहुत कुछ बदल गया है. इस संकेत के साथ कि महामारी समाप्त हो रही है, हम बहुत आशान्वित हैं कि अधिकांश राष्ट्र अब भाग लेने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे.
मिलान-2022 के लिए आमंत्रित प्रमुख नौसैनिक शक्तियों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं. हिंद महासागर में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित विशाल समुद्री अभ्यास इस क्षेत्र में चीनी नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों की बढ़ती गतिविधि की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है. 11-16 फरवरी 2021 तक पाकिस्तानी नौसेना ने भी अपने अभ्यास अमन की मेजबानी की थी. जिसमें अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, तुर्की, इंडोनेशिया, फिलीपींस, जापान, मलेशिया, रूस और अन्य देशों की भागीदारी थी.
जबकि द्विवार्षिक मिलान 2022 का बंदरगाह चरण 25-28 फरवरी तक होगा. भारत के पूर्वी समुद्र तट में समुद्री चरण 1 मार्च से 4 मार्च तक आयोजित किया जाएगा. जो कि समुद्र तट की नौसेनाओं के लिए एक मंच बनाने का प्रयास होगा. मिलान 2022 के समुद्री चरण का उद्देश्य युद्धपोत पर कौशल, जिम्मेदारियों और अधिकार की पूरी श्रृंखला में ऑपरेटरों, अनुरक्षकों, योजनाकारों और निष्पादकों के कौशल का सम्मान करना है. इसमें सीमैनशिप ड्रिल, जटिल परिचालन परिदृश्यों का अनुकरण, सामरिक युद्धाभ्यास आदि शामिल हैं.
हार्बर चरण में सामयिक मुद्दों पर चर्चा और सेमिनार होंगे. संचालन कमांडरों को आम समुद्री प्राथमिकताओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान मिलेगा. साथ ही संभावित समाधानों की पहचान करने में युवा अधिकारियों को साझा मंच मिलेगा. बंदरगाह और समुद्र में जहाज, साथ ही जहाज से निपटने और क्षति नियंत्रण सिमुलेटर पर कौशल विकसित करने में भी यह सहायक होगा.
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दुनिया के नाविकों के बीच घुलने-मिलने में सांस्कृतिक पर्यटन, खेल आयोजन, शहर की परेड, सामाजिक बातचीत और आदान-प्रदान भी शामिल होंगे. मेजबान भारत के अलावा 16 विदेशी नौसेनाओं ने 6-13 मार्च 2018 तक पोर्ट ब्लेयर में आयोजित द्विवार्षिक अभ्यास मिलान के अंतिम संस्करण में भाग लिया था. कोविड महामारी के कारण 2020 में कोई अभ्यास नहीं किया गया था. पहली बार 1995 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड की नौसेनाओं की भागीदारी के साथ यह आयोजित किया गया था.