अगुवानी पुल करा रहा बिहार सरकार की किरकिरी पटना : भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया तक गंगा नदी पर बन बन रहा अगुवानी पुल लगातार दूसरी बार ध्वस्त होने के बाद पथ निर्माण विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने अपने कार्यपालक अभियंता को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही निर्माण कंपनी एसपी सिंगला प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस भेजकर 15 दिनों में जवाब मांगा गया है. पथ निर्माण विभाग ने पूछा है कि क्यों न कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए?
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बिहार की भद्द पिटा रहा अगुवानी ब्रिज : गौरतलब है कि पुल के ध्वस्त होने के बाद लगातार सरकार पर उंगली उठ रही है. इसपर बिहार में सियासत तेज है. बीजेपी इसे भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बता रही है. लगातार लग रहे आरोप के बाद पथ निर्माण विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई की है. बता दें कि 17 सौ करोड़ की लागत से सुल्तानगंज खगड़िया अलौली घाट पुल का निर्माण गंगा नदी पर हो रहा है. 1 साल पहले तेज आंधी में जब पुल का पिलर और सुपरस्ट्रक्चर धंसा था तो उस समय भी बिहार की बहुत भद्द पीटी थी.
निर्माण कंपनी को नोटिस, कार्यपालक अभियंता सस्पेंड: अब जब दूसरी बार पुल का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हुआ है तो फिर से बिहार की किरकिरी हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पूरे मामले में सख्त कार्रवाई करने का निर्देश कल ही दिया था. आज पथ निर्माण विभाग की ओर से दो बड़े फैसले लिए गए हैं. निर्माण कंपनी से 15 दिन में जवाब मांगा गया है, वहीं कार्यपालक अभियंता को सस्पेंड कर दिया गया है. पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के अनुसार हादसे के संबंध में पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है. साथ ही अगुवानी घाट साईड में बचे एक और स्पैन को तुरंत तोड़ने को कहा गया है.
''एजेंसी को गंगा नदी में गिरे पुल के मलबे को 15 दिनों के अंदर निकालने के लिये भी कहा गया है. ताकि डाल्फिन अभ्यारण्य वाले इस रिजर्व क्षेत्र को शीघ्र प्रदूषण से मुक्त किया जा सके. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. एसपी सिंगला एजेंसी दोषी पायी गई तो पुल निर्माण के लिये उनको दिये गये करीब 600 करोड़ रिस्क एंड कॉस्ट आधार पर वसूली जाएगी. साथ ही बैंक गारंटी के रुप में 200 करोड़ रुपये जब्त की जाएगी.''- प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के एमडी को नोटिस: निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला के साथ ही बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के एमडी नीरज सक्सेना को भी शो-कॉज किया गया है. उन्हें बताना है कि दोबारा ऐसी घटना कैसी घटी? निगम ने एजेंसी पर क्या कार्रवाई की? वहीं काम में कोताही और लापरवाही बरतने के आरोप में निगम के खगड़िया के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर योगेन्द्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. विशेषज्ञ और असिस्टेंट इंजीनियर पमित शाही को खगड़िया भेजा गया है.
आनी है आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट: 3.17 किलोमीटर लंबा सुल्तानगंज-अगुवानी घाट फोर लेन का नया डिजाइन बनेगा. मंगलवार को इस संबंध में आईआईटी रुड़की से रिपोर्ट भी आनी है. अब पुल का पहले नया डिजाइन बनेगा तब फिर से नये सिरे से पुल का निर्माण होगा. दोनों तरफ एप्रोच रोड में कोई दिक्कत नहीं हैं. ऐसे में उसी एप्रोच रोड को निर्माण पूरा किया जाएगा. पुल का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था. उस समय नीतीश कुमार ही पथ निर्माण विभाग को देख रहे थे.
पुल के दोबारा गिरने पर घिरी सरकार: हालांकि 2015 में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री के साथ पथ निर्माण मंत्री भी बनाए गए थे. ऐसे तो 2017 में ही गंगा नदी पर पुल को बन जाना था. लेकिन लगातार विलंब होता गया और 2022 में पुल के ध्वस्त होने के बाद इसी साल तेजस्वी यादव ने सदन में आश्वासन दिया था कि दिसंबर में पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा. लेकिन अब उसका बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है और फिर से सरकार की ओर से नए डिजाइन के साथ पुल बनाने की बात कही जा रही है.
सवाल छोड़ गया अगुवानी पुल: पिछले साल जब पुल ध्वस्त हुआ था तो आईआईटी रुड़की से इसकी जांच करवाई गई थी. एनआईटी पटना से भी इसकी जांच हुई थी और इसके डिजाइन पर आईआईटी रुड़की ने सवाल खड़ा किया था. लेकिन उसके बावजूद पुल का निर्माण कार्य होता गया और अब ध्वस्त होने के बाद नीतीश सरकार बीजेपी के निशाने पर हैं. संभवत उसी से बचने के लिए फिलहाल यह कार्रवाई की गई है.