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कोरोना वैक्सीनेशन के लिए छत्तीसगढ़ में बनाए गए 700 केंद्र - सिंहदेव

कोविड-19 टीकाकरण की व्यवस्थाओं को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की है. मंत्री सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन पर बड़ा बयान दिया है.

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Published : Dec 27, 2020, 9:09 AM IST

TS Singhdev
मंत्री सिंहदेव

सरगुजा (छत्तीसगढ़) : कोविड-19 की वैक्सीन कई अलग-अलग दवा संस्थाओं ने बना ली है. अब भारत में वैक्सीन के उपयोग जल्द शरू किए जाने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी कह दिया है कि जनवरी में वैक्सीन आ जाएगी. लिहाजा ईटीवी भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से जाना कि छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा की आबादी के लिए वैक्सीनेशन के क्या इंतजामात है ?

मंत्री टीएस सिंहदेव EXCLUSIVE

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि अब तक किसी भी दवा कंपनी को अनुमति नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद है की जनवरी तक किसी वैक्सीन को अनुमति मिल जाएगी. इसके लिए छत्तीसगढ़ में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग से जारी नियमों का पालन किया जा रहा है. पहले से वैक्सीनेशन केंद्र स्थापित हैं, उनमें रखरखाव की व्यवस्था सहित 82 नए केंद्र बनाए गए हैं. सबसे अहम बात ये है कि वैक्सीन की पूरी मॉनीटरिंग ऑनलाइन एप्लिकेशन से होगी, इसके लिए एक एप्लिकेशन तैयार किया गया है, जिसमें वैक्सीन के फैक्ट्री से निकलने से लेकर किसी व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट किए जाने तक के सभी स्टेज की मॉनिटरिंग ऑनलाइन होगी. यह एप इस बात की भी निगरानी करेगा की वैक्सीन तय तापमान में हैं या नहीं.

पोलिंग बूथ जैसी होगी व्यवस्था
मंत्री ने बताया की जैसा पोलिंग बूथ होता है, वैसा ही तीन कमरों का वैक्सीनेशन सेंटर होगा, जिसमें पहले कमरे के बाहर भी कुछ लोग रहेंगे, जो इस बात की तस्दीक करेंगे की उस व्यक्ति का नंबर आया है या नहीं. फिर पहले कमरे में वेटिंग रूम जैसा माहौल होगा, जहां लोग बैठकर अपनी बारी का इंतजार करेंगे. दूसरे कमरे में वैक्सीन लगेगी और फिर तीसरे कमरे में आधे घंटे तक बैठना होगा. ताकी वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव होता है तो हेल्थ टीम तत्काल उसे रिकवर करेगी.

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वैक्सीनेशन सेंटर के तीसरे रूम में AEFI मैनेजमेंट किट उपलब्ध रहेगी, जिसमें कई जीवन रक्षक दवाइयां जैसे एड्रेनेलिन, हाइड्रोकार्टिसोन, रिंजर लैक्टेट, पांच प्रतिशत डेक्सट्रोस सहित अन्य सर्किकल मेडिकल इक्यूपमेंट उपलब्ध रहेंगे, जिससे वैक्सीन के दुष्प्रभाव से लोगों को बचाया जा सकेगा. सिंहदेव ने कहा कि वैक्सीन के दुष्प्रभाव की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन ये सारी व्यवस्था की जाएगी.

ढाई लाख हेल्थ वर्कर को पहले लगेगी वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्री में बताया कि वैक्सीन सबसे पहले छत्तीसगढ़ के हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार को सूची भेज दी गई है, 85 हजार लीटर वैक्सीन रखने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ में कर ली गई है. इसके अलावा हेल्थ स्टाफ को ट्रेनिंग भी दी गई है. हालांकि, वैक्सीनेशन के लिए सब पहले से ट्रेंड हैं, लेकिन फिर भी नई चीजों से अपडेट रहने के लिये ट्रेनिंग दी गई है. वैक्सिनेशन के तीन प्रकार होते हैं, लेकिन यहां इंट्रा मस्कुलर वैक्सीन लगाने की तैयारी है.

'जेनेटिक सीक्वेंसिंग करेंगे'
इसके साथ ही ब्रिटेन में नए और खतरनाक कोरोना के प्रकार पाए जाने के बाद छत्तीसगढ़ में इन देशों से आए लोगों के सवाल पर मंत्री सिंहदेव ने बताया कि देश में छह लेबोरेट्री में जेनेटिक टेस्ट होते हैं. इनके सैंपल इनमें से किसी लैब में भेजे जाएंगे, जहां कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के जेनेटिक सीक्वेंसिंग की जांच होगी. जांच में यह पता लगाया जाएगा की यह वहीं कोविड-19 है या फिर इसका जीन्स बदल रहा है, यह कहीं VOI2020/12/1 वेरिएंट तो नहीं है.

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