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मोहन भागवत की किताब पर आपत्ति जताना गलत : डॉ. अकील अहमद - आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भाषण का उर्दू में अनुवाद कर किताब के रूप में प्रकाशित करने पर राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के निदेशक डॉ. शेख अकील अहमद की आलोचना हुई थी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ अकील ने कहा कि उर्दू भाषा विकास परिषद के जरिए सभी धर्मों और विचारधाराओं से संबंधित सामग्री प्रदान की जाती है, इसलिए आरएसएस प्रमुख की किताब पर आपत्ति जताना गलत है.

डॉ. शेख अकील अहमद
डॉ. शेख अकील अहमद

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Published : Apr 7, 2021, 4:03 AM IST

Updated : Apr 7, 2021, 6:51 AM IST

नई दिल्ली : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सितंबर 2018 में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित तीन-दिवसीय संगोष्ठी में दिए गए भाषण का उर्दू में अनुवाद किया गया है और राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद द्वारा इसे 'भविष्य का भारत' नाम से पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है. इससे लेकर राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के निदेशक डॉ. शेख अकील अहमद को आलोचना झेलनी पड़ी.

डॉ. शेख अकील अहमद से बातचीत.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में डॉ. अकील ने कहा कि मोहन भागवत की किताब पर आपत्ति जताना गलत है. उनका कहना है कि राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद ने पहले से ही सभी धर्मों व विचारधाराओं पर किताबें प्रकाशित की हैं. इसके बावजूद लोगों को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के भाषण को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किए जाने पर एतराज है, जो गलत है.

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उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसी किताबों को पढ़ना चाहिए, जिससे आपसी नफरतें दूर हों. उन्होंने कहा कि मुसलमानों में भी बहुत से ऐसे लोग हैं, जो आरएसएस के बारे में जानना और समझना चाहते हैं.

Last Updated : Apr 7, 2021, 6:51 AM IST

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