अयोध्या: तमिलनाडु के खेल मंत्री उदय निधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान पर देश का संत समाज लामबंद हो रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने स्पष्ट किया कि इस मामले पर संत समुदाय शांत नहीं बैठने वाला है. संविधान के दायरे में रहकर एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा करने की योजना बनाई जा रही है. वहीं, उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के जिन दो मंत्रियों ने सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में हिस्सा लेकर सनातन समाज को और हिंदू धर्म के प्रति ऐसी विचारधारा प्रकट की है, उनकी बर्खास्तगी के लिए संतों का प्रतिनिधिमंडल तमिलनाडु के राज्यपाल से मिलेगा.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि संतों का मानना है कि जो आईएनडीआईए का संगठन है, इसमें डीआई का मतलब है दारुल इस्लाम. दारुल इस्लाम बनाने की दिशा में ही यह लोग कार्य कर रहे हैं. मुंबई की बैठक के बाद संविधान की शपथ लेकर 90 के दशक में जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं का सामूहिक नरसंहार हुआ था. उसी प्रकार से तमिलनाडु में सनातन उन्मूलन सम्मेलन में मंच पर तमिलनाडु सरकार के दो मंत्री बैठे थे. चाहे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव का बयान ले लीजिए, चाहे कर्नाटक के गृहमंत्री परमेश्वर का बयान.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियंक खड़गे और पूर्व रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री रहे पी चिदम्बरम के बेटे कार्तिक चिदंबरम यह सभी लोग एक योजनाबद्ध तरीके से अलग-अलग राज्यों में जिस तरह की बयानबाजी हिंदुओं के विरुद्ध कर रहे है, यह एक बड़ा षड्यंत्र है. उद्धव ठाकरे द्वारा यह कहना कि अयोध्या से लौटी ट्रेनों से कारसेवकों के साथ गोधरा दोहराया जा सकता है.