रांची : झारखंड के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में ओमीक्रोन की एंट्री हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में ओमीक्रोन के 6 मामले सामने आ चुके हैं. देशभर में ओमीक्रोन के 578 मामले आ चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से देशभर में बढ़ रही संक्रमण की रफ्तार के बीच झारखंड में भी आशंकाएं बढ़ रही हैं. ओमीक्रोन संक्रमण की पुष्टि के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती है, जो झारखंड के लिए फिलहाल संभव नहीं है. क्योंकि यहां अब तक लैब स्थापित नहीं हो पाया है. टीकाकरण की रफ्तार भी सवालों के घेरे में है. ऐसे में कोरोना को लेकर आने वाली चुनौतियों और तैयारियों के बाबत ईटीवी भारत की टीम ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत की.
स्वास्थ्य मंत्री ने माना कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है. लिहाजा, पुराने अनुभव को ध्यान में रखकर पहल किए जाने की जरूरत है. चुनौतियों को लेकर सरकार पूरी तरह तैयार हैं. यह पूछे जाने पर कि अभी भी 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के 58 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहला डोज भी नहीं मिला है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि झारखंड का भौगोलिक बनावट एक कारण है. दूसरा कारण पलायन और तीसरा है लोगों में जागरूकता की कमी. इसी वजह से रफ्तार प्रभावित हुई है. सरकार डोर टू डोर जाकर भी वैक्सीन देने की कोशिश कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि वैक्सीनेशन की जब शुरुआत हुई, तभी केंद्र ने कई ऐसे नियम बना रखे थे जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस महामारी को राजनैतिक अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि जब केरल में सौ फीसदी दोनों डोज लगने के बाद भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में वहां बुस्टर डोज क्यों नहीं दिया जा रहा है.
जीनोम सिक्वेंसिंग लैब और टीकाकरण पर फोकस