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राजनीति से मुझे परहेज नहीं, छत पर खड़ा होकर करूंगा एलान...

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Published : Jun 14, 2021, 8:02 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 4:49 PM IST

कोरोना काल में पिछले 15 महीनों में जिस फिल्मी दुनिया के सितारे की सबसे ज्यादा चर्चा हुई है वे हैं सोनू सूद. हजारों लोगों की मदद कर सुर्खियों में आने वाले सोनू सूद ने ईटीवी भारत दिल्ली के स्टेट हेड विशाल सूर्यकांत के साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत पर कई धमाकेदार बयान दिए. सोनू सूद के काम, उनकी शोहरत और इस बीच खड़े हुए विवाद पर अब तक का सबसे बेबाक इंटरव्यू...

Sonu Sood
Sonu Sood

नई दिल्ली:ईटीवी भारत पर फिल्म अभिनेता सोनू सूद का धमाकेदार बयान

  • मैं अगर सिस्टम चला रहा होता तो नए रास्ते निकालता
  • ETV BHARAT पर सोनू सूद EXCLUSIVE
  • कंगना के ट्वीट लाइक पर ये बोल गए सोनू सूद
  • फिल्में भी करूंगा और समाज सेवा भी, विरोध की परवाह नहीं

ईटीवी भारत- कोरोना काल से पहले आप सोनू सूद थे. अब आपको मसीहा, सुपरमैन और न जाने किन-किन नामों से नवाज़ रहे हैं लोग, कैसा लग रहा है?

सोनू सूद- मैं बड़ा ही आम इंसान हूं और मुझे लगता है जब आप आम इंसानों से जुड़े रहते हैं तभी आप अपनी रियलिटी को चेक करते रहते हैं. मुझे लगता है कि जिसको भी आपकी जरूरत है, उससे जुड़ा रहूं इससे बड़ी उपाधि नहीं हो सकती. फर्क नहीं पड़ता वे क्या नाम देते हैं. जब तक वे आपको अपना मानते हैं. यह जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती है.

अभिनेता सोनू सूद का धमाकेदार बयान

ईटीवी भारत- आपको लेकर भरोसा जबर्दस्त तरीके से लोगों ने जताया है और आपने उस भरोसे को निभाया है. ये जो भरोसा आपने कमाया है. कैसे प्लान किया और आगे क्या करेंगे?

सोनू सूद-मदद की जरूरत तो हमेशा है. कोरोना काल में लोगों की परेशानियां ज्यादा उभर कर सामनेआईं. प्रवासी मजदूर जब अपने बच्चों के साथ पैदल ही घर को निकल पड़े तो मुझे लगा कि कल को इन बच्चों को ये न लगे कि उनके मां-बाप का किसी ने हाथ नहीं पकड़ा. तब मुझे ये लगा कि ये हाथ मेरा क्यों नहीं हो सकता और फिर पता ही नहीं चला कि कब सारे देश से जुड़ गए. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ऐसा कोई राज्य नहीं था जहां हमने बस, ट्रेन और प्लेन नहीं भेजी. 10 लाख के करीब लोग जुड़े, लोगों को नौकरियां दिलानी थीं, उनका इलाज कराना था.
मेरी मां की एक बात याद आती है... अपनी मुट्ठी खोलकर तो देख शायद तेरी हाथ की लकीरों में किसी की जान बचाना लिखा हो.. मैंने वो मुट्ठी खोली...

ईटीवी भारत- लेकिन ये सब बातें तो हैं, लेकिन एक सवाल बड़ा है कि सरकारों की इकोनॉमी ठप्प हो गई, लेकिन सोनू सूद के लिए फंडिग जारी है, कैसे और कहां से ये इंतजामात हो रहे हैं ?

सोनू सूद- मैंने अपने रास्ते खुद बनाए. मुझसे भी ज्यादा रिसोर्सफुल और दिग्गज लोग पड़े हुए हैं. मुझे लगता है इंटेंशन से काम होता है. मैंने अपनी सीमाएं नहीं बांधी.

ईटीवी भारत- इतना सब कर रहे हैं चुनाव लड़कर नेता क्यों नहीं बन जाते आप?

सोनू सूद- पॉलिटिक्स एक कमाल का फील्ड है. अफसोस की बात है कि लोगों ने उसे रंग दे दिया है. मैं राजनीति के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि एक्टर के तौर पर बहुत कुछ करना बाकी है. मैं अपने हाईवे खुद बनाता हूं. मैंने प्रोटोकॉल फॉलो नहीं किया. मुझे पॉलिटिक्स से परहेज नहीं है, लेकिन मैं अभी तैयार नहीं हूं. मैं अब भी लोगों की मदद कर पा रहा हूं. पॉलिटिशियन बनने के लिए बहुत तैयारी करनी पड़ती है, मुझे जब भी लगेगा कि मैं तैयार हूं तो रूफ टॉप से कहूंगा कि हां मैं तैयार हूं.

ईटीवी भारत- सरकारों से ज्यादा आप पर भरोसा होने लगा, ऐसा लगता है. क्या वजह मानते हैं...?

सोनू सूद- ऐसा नहीं है कि सरकारें काम नहीं कर रही हैं, लेकिन जनता को भी सरकार से सवाल तो करना ही चाहिए. हमारा हक बनता है, लेकिन हमें भी कुछ करना होगा. हम हमेशा ये नहीं कह सकते कि ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ. हमें भी तो कुछ करना होगा, मदद के लिए आगे आना होगा.

ईटीवी भारत- आप कह रहे हैं आपकी भावना है, लेकिन नेता कहां ऐसा मानते हैं. कई बार बयानबाजी हुई. आप सफाई देने भी पहुंचे थे. ये भी आरोप लगा कि आप पार्टी विशेष की मदद कर रहे हैं.

सोनू सूद - मैंने एक लक्ष्य पकड़ा है. एक रास्ता पकड़ा है. मैं तो उस पर चलता ही रहूंगा, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या सोचते हैं बोलते हैं. मैं जिस रास्ते पर चल रहा हूं उस पर चलता रहूंगा.

ईटीवी भारत - आप कह रहे हैं राजनीति से परहेज नहीं, तो कुछ सोचा होगा, किस स्टेट से चुनाव लड़ेंगे ?

सोनू सूद - मुझे तो सारे स्टेट एक जैसे ही लगते हैं. हर जगह से प्यार मिला. पंजाब का रहने वाला हूं, महाराष्ट्र में हूं. आंध्र प्रदेश-तेलंगाना में सबसे ज्यादा काम किया. अब कर्नाटक में ऑक्सीजन प्लांट खोलने जा रहा हूं. मैंने धर्म, जाति राज्य में खुद को नहीं बांधा.

ईटीवी भारत- खुद भी कोरोना से ग्रस्त हुए. ये धारणा भी टूटी कि फौलाद जैसा शरीर हो तो कोरोना नहीं हो सकता है, क्या कहेंगे ?

सोनू सूद-मैं 5 दिन में निगेटिव हो गया था. पता नहीं एक वैक्सीन लग चुकी थी इसलिए या मैं फिट था. जोभी हो वैक्सीन लगवाना बहुत जरूरी है. साथ ही आपका फिटनेस लेवल बहुत अच्छा होना चाहिए. मेरा ये एक्सपीरियंस रहा है कि फिटनेस आपकी जिंदगी का हिस्सा होना चाहिए.

ईटीवी भारत- सोशल मीडिया पर आप पर मीम भी बहुत बने हैं, इसे आपने भी खूब इन्जॉय किया है.

सोनू सूद-सोशल मीडिया की सबसे बड़ी शक्ति है कि आप लोगों के घरों तक चले जाते हैं. लोग आपको अपने पास महसूस करते हैं. यहां तक कि अगर मेरे सामने भी उस शख्स ने कहा होता शराब के ठेके तक पहुंचाने को तब भी मैंने उससे यही कहा होता जो मैंने ट्वीट किया था कि खुद चले जाओ, टल्ली हो जाओगे तो घर तक पहुंचा दूंगा.

ईटीवी भारत- अब लग रहा है कि फिल्मों से ज्यादा सोशल वर्क आपका फुल टाइम जॉब हो गया है.

सोनू सूद- मैं कोशिश करता हूं कि खुद जवाब दूं. मदद के लिए बहुत लोग आते हैं. किसी को इलाज की जरूरत होती है तो किसी को नौकरी की. अब मैंने टीम बना दी है. कोई मेडिकल हेल्प देखता है, तो कोई दूसरी जरूरतें. जब वे हल नहीं कर पाते तो मेरे पास आते हैं. फिर हम कोशिश करते हैं उसकी मदद करने की.

ईटीवी भारत- आपकी इंड्रस्टी से मांग उठ रही है कोई पद्म विभूषण, भारत रत्न की मांग कर रहा है. हुमा कुरैशी तो आपको प्रधानमंत्री बनाने की बात कहने लगीं.

सोनू सूद- जब कोरोना काल में हम लोगों की मदद कर रहे थे तो कई दिक्कत आ रही थी. महाराष्ट्र से बिहार के लिए तो ट्रेन ही नहीं मिल रही थी. अगर सिस्टम मैं चला रहा होता तो शायद कुछ नए रास्ते बनाता. लोग बोलते हैं कि ये ओहदा होना चाहिए, वो होना चाहिए. मुझे नहीं पता कि मैं उसे डिजर्व करता हूं या नहीं, लेकिन जुनून और जज्बा कमाल का है. वो जज्बा बरकरार रहना चाहिए, फर्क नहीं प़ड़ता कि आप ओहदे पर हैं या नहीं...

ईटीवी भारत - लेकिन कंगना रानौत उस ट्वीट को लाइक कर रही हैं, जिसमें आपके लिए झूठा और ऐसी ही आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखी हैं, क्या कहेंगे..?

सोनू सूद - कंगना अच्छी हैं, खुश हैं. उनका सोशल मीडिया हैंडल है. अगर उन्हें मेरे बारे में ऐसा लगता है तो उनका हक है. कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं 135 करोड़ लोगों के साथ चलना चाहता हूं. अगर कुछ हजार या लाख लोग नहीं चलना चाहते या मुझे पसंद नहीं करते तो कोई फर्क नहीं पड़ता. मुझे नहीं लगता कि मुझे उनकी बात का जवाब देना चाहिए... या रिएक्ट करना चाहिए...

ईटीवी भारत - अब आप UPSC के लिए फ्री कोचिंग देने पर काम कर रहे हैं, कैसे होगा ये काम और कैसे IAS चाहते हैं देश में, क्या अभी ऐसे नहीं है ?

सोनू सूद - मेरे पास बहुत मैसेज आते थे कि मैं गरीब परिवार से हूं मेरी मदद करें. पिछले साल हमने 2400 स्कॉलरशिप भी दी. फिर हमें लगा कि जो अफोर्ड नहीं कर सकता, लेकिन डिजर्व करता है वे छूट जाते हैं. उनकी हेल्प करनी चाहिए. फिर हमने इसे शुरू किया. बहुत सारे आवेदन आए हैं. हम उनकी शॉर्ट लिस्टिंग कर रहे हैं. अभी जो IAS ऑफिसर्स हैं, वे अच्छा काम कर रहे हैं. यहां से पढ़कर जो भी IAS बनेगा उसे याद रहेगा कि सोनू सूद ने मदद की थी. उसमें हेल्प की भावना होगी. इससे हेल्प की कड़ी मजबूत होगी. मेरी मां कहती थी....सोनू तेरी कामयाबी तब है जब तू उसकी मदद करे जिसको तुझसे उम्मीद न हो... और मैं वो कर रहा हूं.

ईटीवी भारत - आपकी इस मुहिम में परिवार और ख़ासकर बच्चे क्या पसंद करते हैं, फिल्मी चेहरा या सोशल वर्कर वाला फेस...?

सोनू सूद - बच्चे मुझे आते-जाते दिखते हैं. तीन-तीन दिन हो जाते हैं जब मैं उनसे बातचीत नहीं कर पाता. पिछले 15 महीने ऐसे ही रहे. बच्चों और परिवार को समय नहीं दे सका. मदद के लिए बहुत फोन आते थे. अब हम चीजों को ऑर्गनाइज कर रहे हैं, लेकिन मदद के लिए फोन और लोग बहुत ज्यादा हैं. हम कुछ की मदद कर रहे हैं और उनकी संख्या बढ़ती जा रही है. हम 200 की मदद कर पाते हैं मगर 2000 और को जरूरत होती है.

ईटीवी भारत- सोनू सूद के कौन-कौन से प्रोजेक्ट आ रहे हैं.

सोनू सूद - यशराज की पृथ्वीराज चौहान नवंबर में आ रही है. चिरंजीवी के साथ आचार्य आ रही है. मेरी खुद की एक फिल्म अगस्त में शुरू हो रही है. फिल्में आती रहेंगी, समाज का काम भी करते रहेंगे.

Last Updated : Jun 14, 2021, 4:49 PM IST

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