रायपुर :इन दिनों छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के फार्मूले को अब बेटी की शादी की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. खुद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव यह बात को कहते नजर आए. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने ईटीवी भारत के सवाल का चटपटा सा जवाब दिया.
सवाल :पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने प्रदेश में ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर कहा है कि शादी की तैयारी चल रही है. आप बताइए कि इसकी तैयारी कब तक चलेगी और तारीख का ऐलान कब होगा?
जवाब :बेटियां हैं, बेटे हैं, न जाने कितने हैं, न जाने कितनी शादियां होंगी, उन सारी शादियों की तैयारियां हैं.
सवाल :यह शादी ढाई साल के फार्मूले के तहत हो रही है. जैसे पंजाब में हुआ. राजस्थान में तैयारी है. छत्तीसगढ़ में भी तैयारियां चल रही हैं?
जवाब : यह तो लगा रहता है. जितने बच्चे हैं, उतनी शादियां होंगी.
सवाल : जिस तरह से कांग्रेस में राजनीतिक समीकरण चल रहा है. क्या इसका खामियाजा आने वाले समय में पार्टी को उठाना पड़ सकता है?
जवाब :छत्तीसगढ़ के भले के लिए जो होगा, वह सब हम मिलकर करेंगे. वही हाईकमान भी करेगा. जो काम करेंगे, सबको मिलकर साथ में करना है. ना कोई अंतर-परिवर्तन (Interchange), नया तिथि. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
सवाल: यह उसका आदमी है, वह इसकी औरत है. इस तरह के बयान पार्टी में आ रहे हैं. बिलासपुर की घटना को किस रूप में देखते हैं?
जवाब : इस तरह के बयान (Statement) नहीं आना चाहिए. यह नहीं होना चाहिए.
सवाल : ऐसा देखा जा रहा है कि नेतृत्व के होते हुए भी बिना नियंत्रण के पार्टी चल रही है. हाईकमान का पार्टी पर नियंत्रण (Party Control) नहीं है?
जवाब : हाईकमान बहुत उदार है और उनका दृष्टिकोण एक परिवार का है. वह हर चीज जो निर्णय (Decision) करेंगे, बात करेंगे, सोचेंगे, वह परिवार के रूप में देखते हैं. उनके लिए सब बराबर है. उनके लिए कोई कम, कोई ज्यादा नहीं है. उनके मन में ऐसा नहीं है. मेरा भी हाईकमान के साथ 21 साल से लगातार संपर्क रहा है. इस बीच मैंने एक चीज देखी है. उनके नजर में कांग्रेस का हर व्यक्ति (Congress Person) बराबर है. वहां कहीं कोई अंतर नहीं है.
सवाल :पार्टी में बृहस्पति कहते हैं कि आप उनकी हत्या कराना चाहते हैं. बिलासपुर में शैलेश पांडे कह रहे हैं कि आप के लोगों को जेल में ठूंसा जा रहा है. इस तरह के बयान से ऐसा नहीं लगता कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में राजनीतिक नक्सलवाद पनप रहा है?
जवाब : सार्वजनिक (Public) रूप से और सार्वजनिक मंचों पर जब हम सार्वजनिक बयान (Public Statement) देते हैं, तो जरूर हमको आत्म-नियंत्रण (Self-Control) रखना चाहिए.
सवाल : ढाई-ढाई साल का फार्मूला बना था. उस पर अमल होगा या नहीं?
जवाब : ढाई साल तो हो गया है.