हिमाचल में अडानी विल्मर लिमिटेड में एक्साइज का छापा सोलन : हिमाचल प्रदेश आबकारी एवं कराधान विभाग ने बुधवार देर शाम अडानी विल्मर लिमिटेड के स्टॉक (भंडार) का निरीक्षण किया. किरना के भंडारण में लगी अडानी विल्मर कंपनी हिमाचल में सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट और पुलिस विभाग को सामान उपलब्ध करवाती है. सोलन जिले के परवाणू में स्थित कंपनी ने पिछले साल 135 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया है.
हिमाचल में अडानी समूह की सात कंपनियां:गौरतलब है कि हिमाचल में अडानी ग्रुप की 7 कंपनियां काम कर रही हैं. अंबुजा सीमेंट और एसीसी सीमेंट की फैक्ट्रियों में फिलहाल उत्पादन बंद है लेकिन अन्य कंपनियां प्रदेश में फ्रूट कारोबार और किराना सामान की सप्लाई करती है. बुधवार को हिमाचल प्रदेश आवकारी एवं कराधान विभाग की दक्षिण जोन की प्रवर्तन शाखा ने सोलन के परवाणू में स्थिति अडानी विल्मर लिमिटेड में छापा मारा था. विभाग की टीम ने यहां कंपनी के स्टॉक का जायजा लिया और कंपनी के बिजनेस से जुड़े कागाजत खंगाले. जांच में पाया गया कि परवाणु स्थित अडानी विल्मार कंपनी ने बीते साल 135 करोड़ का कारोबार किया है.
टैक्स का कैश भुगतान ज़ीरो- विभाग के संयुक्त निदेशक जीडी ठाकुर ने बताया कि कंपनी का सारा काम और व्यापारिक प्रतिष्ठान किराए पर हैं. जिसमें डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर ट्रांसपोर्ट तक लंबी लाइन है. लेकिन जीएसटी का सारा टैक्स इनपुट क्रेडिट में एडजस्ट किया गया है, जबकि कंपनी को टैक्स भुगतान के तौर पर 10 से 15 फीसदी कैश देना होता है. कंपनी की तरफ से कैश भुगतान ना करना संदेह के घेरे में है, जिसकी जांच की जा रही है.
अडानी और हिमाचल सरकार आमने-सामने है-दरअसल हिमाचल में पिछले करीब 2 महीने से अडानी के दो सीमेंट प्लांट बंद पड़े हैं. हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के 4 दिन बाद ही ये प्लांट बंद किए गए थे. जिसपर सरकार भी अडानी समूह पर सवाल उठा रही है. अडानी ग्रुप की तरफ से सीमेंट प्लांट बंद करने के पीछे नुकसान का हवाला दिया गया है और ट्रांसपोर्टेशन की बढ़ती लागत को इसकी वजह बताया है. दरअसल अडानी समूह चाहता है कि सीमेंट ढुलाई में लगे ट्रक मालभाड़ा कम कर दें लेकिन ट्रक ऑपरेटर्स इनकार कर रहे हैं. हिमाचल सरकार इस विवाद में मध्यस्थ की भूमिका में है. सीमेंट प्लांट बंद होने से करीब 7 हजार ट्रकों के पहिये थम गए हैं और हजारों परिवारों के आगे रोजी रोटी का संकट है. बीते 2 महीने में सरकार से लेकर अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है. अडानी ग्रुप को लेकर हिमाचल सरकार लीगल एक्शन की तैयारी भी कर रही है.
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