दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

'चिकेन नेक' क्षेत्र में आर्मी-BSF-SSB का विशेष अभ्यास, चीन पर नजर - chiecken neck exercise

चिकेन नेक, यानी जो उत्तर बंगाल और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, इलाके में सेना-बीएसएफ-एसएसबी ने एक विशेष अभ्यास अभियान किया. यह इलाका काफी संवेदनशील है और अगर कोई विपरीत परिस्थिति आ जाती है तो इस क्षेत्र की रक्षा करना महत्वपूर्ण है. भारत, भूटान और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच एक त्रि-जंक्शन चुंबी घाटी में चीन द्वारा किसी भी आक्रामक रुख के मामले में शेष देश के लिए हमेशा कट ऑफ का खतरा होता है.

kripan shakti
सैन्य अभ्यास कृपाण शक्ति

By

Published : Apr 13, 2022, 5:30 PM IST

कोलकाता : सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नागरिक प्रशासन ने बंगाल में सिलीगुड़ी के पास तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज (टीएफएफआर) में एक एकीकृत फायर पावर अभ्यास 'कृपाण शक्ति' का आयोजन किया. यह अभ्यास सेना की त्रिशक्ति कोर द्वारा आयोजित किया गया. यह एक एकीकृत युद्ध लड़ने के लिए सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की क्षमताओं के तालमेल के उद्देश्य से मंगलवार को किया गया एक एकीकृत फायर पावर अभ्यास था.

सेना की त्रिशक्ति कोर का मुख्यालय सिलीगुड़ी के पास सुकना में है, बीएसएफ बांग्लादेश के साथ लगती सीमा की निगरानी में है, जबकि एसएसबी नेपाल और भूटान के साथ देश की सीमाओं के मामलों का प्रभारी बल है. इस अभ्यास के दौरान त्रिशक्ति कोर की इकाइयों ने कठिन और तेजी से सटीक निशाना लगाने की अपनी क्षमता के प्रदर्शन के साथ अचानक आतंकी हमले की स्थिति में दुश्मनों से जोरदार तरीके से निपटने की अपनी सैन्य तैयारियों को परखा.

तीनों बल उस सामरिक क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिसे चिकन नेक (संकीर्ण मार्ग) के नाम से भी जाना जाता है. यह एक संकीर्ण गलियारा है, जो उत्तर बंगाल और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारत, भूटान और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच एक त्रि-जंक्शन चुंबी घाटी में चीन द्वारा किसी भी आक्रामक रुख के मामले में शेष देश के लिए हमेशा कट ऑफ का खतरा होता है. सरल शब्दों में कहें तो यह 'चिनक नेक' काफी संवेदनशील है और अगर कोई विपरीत परिस्थिति आ जाती है तो इस क्षेत्र की रक्षा करना महत्वपूर्ण है.

सैन्य अभ्यास कृपाण शक्ति

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संघर्ष की स्थिति में, तीनों बलों को दुश्मन का मुकाबला करना होगा. स्पष्ट रूप से विशिष्ट कार्य होंगे, लेकिन तालमेल और समन्वय महत्वपूर्ण होगा. नागरिक प्रशासन नागरिकों को सीमावर्ती क्षेत्रों से स्थानांतरित करने, आश्रय प्रदान करने और आवश्यक कानून-व्यवस्था बनाए रखने एवं चिकित्सा सहायता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अभ्यास के दौरान, त्रिशक्ति कोर के तहत कृपाण डिवीजन के सैनिकों ने सटीक रूप से कठिन और तेजी से हिट करने की अपनी क्षमता प्रदर्शित की.

निगरानी और टोही प्लेटफार्मों ने डमी (अभ्यास करने के लिए नकली टागरेट) तरीका का उपयोग करते हुए दुश्मन की गतिविधियों पर एक्शन लिया और सभी उपकरण समन्वित तरीके से आगे की कार्रवाई में लगाए गए. इस दौरान तोपों और मोर्टार का उपयोग किया गया और विशेष बल इकाइयों ने हेली-बोर्न हमले किए. जमीन पर, पैदल सेना के लड़ाकू वाहन आगे बढ़े. आधुनिक युद्ध की 'सेंसर टू शूटर' कॉन्सेप्ट का सही उपयोग किया गया.

अधिकारी ने कहा कि खतरे के खिलाफ प्रतिक्रिया अत्यंत पेशेवर तरीके से की गई. उन्होंने कहा कि इस अभ्यास की समीक्षा लेफ्टिनेंट जनरल (जीओसी, त्रिशक्ति कोर) तरुण कुमार आइच ने की थी. बीएसएफ, एसएसबी और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही एनसीसी कैडेटों और स्कूली बच्चों ने भी ने भी अभ्यास देखा. इस अभ्यास से सेना, नागरिक प्रशासन और सीएपीएफ के बीच संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद है. यह सेना की क्षमताओं और किसी भी खतरे से निपटने की प्रतिबद्धता पर लोगों के विश्वास को भी मजबूत करेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details