कोलकाता : सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नागरिक प्रशासन ने बंगाल में सिलीगुड़ी के पास तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज (टीएफएफआर) में एक एकीकृत फायर पावर अभ्यास 'कृपाण शक्ति' का आयोजन किया. यह अभ्यास सेना की त्रिशक्ति कोर द्वारा आयोजित किया गया. यह एक एकीकृत युद्ध लड़ने के लिए सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की क्षमताओं के तालमेल के उद्देश्य से मंगलवार को किया गया एक एकीकृत फायर पावर अभ्यास था.
सेना की त्रिशक्ति कोर का मुख्यालय सिलीगुड़ी के पास सुकना में है, बीएसएफ बांग्लादेश के साथ लगती सीमा की निगरानी में है, जबकि एसएसबी नेपाल और भूटान के साथ देश की सीमाओं के मामलों का प्रभारी बल है. इस अभ्यास के दौरान त्रिशक्ति कोर की इकाइयों ने कठिन और तेजी से सटीक निशाना लगाने की अपनी क्षमता के प्रदर्शन के साथ अचानक आतंकी हमले की स्थिति में दुश्मनों से जोरदार तरीके से निपटने की अपनी सैन्य तैयारियों को परखा.
तीनों बल उस सामरिक क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिसे चिकन नेक (संकीर्ण मार्ग) के नाम से भी जाना जाता है. यह एक संकीर्ण गलियारा है, जो उत्तर बंगाल और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारत, भूटान और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच एक त्रि-जंक्शन चुंबी घाटी में चीन द्वारा किसी भी आक्रामक रुख के मामले में शेष देश के लिए हमेशा कट ऑफ का खतरा होता है. सरल शब्दों में कहें तो यह 'चिनक नेक' काफी संवेदनशील है और अगर कोई विपरीत परिस्थिति आ जाती है तो इस क्षेत्र की रक्षा करना महत्वपूर्ण है.