नई दिल्ली: पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) अर्थात नेशनल वॉर मेमोरियल पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने के केंद्र के निर्णय पर शुक्रवार को मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की (Ex-servicemen expressed mixed reactions) है. पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्विटर (Twitter) पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए उनसे इस आदेश को रद्द करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि श्रीमान, इंडिया गेट पर जल रही लौ भारतीय मानस का हिस्सा है. आप, मैं और हमारी पीढ़ी के लोग वहां हमारे वीर जवानों को सलामी देते हुए बड़े हुए हैं. बहादुर ने कहा कि एक ओर जहां राष्ट्रीय समर स्मारक का अपना महत्व है, वहीं दूसरी ओर अमर जवान ज्योति की स्मृतियां भी अतुल्य हैं.
हालांकि पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने केंद्र के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया. दुआ ने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक के डिजाइन चयन और निर्माण में भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में मेरा विचार है कि इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के शहीद नायकों का स्मारक है.'
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उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को 1972 में स्थापित किया गया था क्योंकि हमारे पास कोई और स्मारक नहीं था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समर स्मारक देश की आजादी के बाद युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है (Pays Homage To The Soldiers) और सभी श्रद्धांजलि समारोहों को पहले ही नए स्मारक में स्थानांतरित किया जा चुका है.