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रघुराम राजन ने PLI रिसर्च के लिए झूठे आंकड़ों, संदिग्ध विश्लेषण का इस्तेमाल किया: राजीव चंद्रशेखर

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को आदतन गलती करने वाला बताया. वह रघुराम राजन की मोबाइल फोन निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की आलोचना का जवाब दे रहे थे. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 16, 2023, 10:22 AM IST

नई दिल्ली :सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए चलाई गई पीएलआई योजना की आलोचना करने वाले रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के आरोपों का खंडन किया है. राजन ने सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट में मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए चलाई गई उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के परिणामों पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि कंपनियां मोबाइल फोन के ज्यादातर उपकरणों का आयात कर रही हैं लेकिन उन्हें सब्सिडी पूर्ण-निर्मित फोन पर दी जा रही है.

राजन ने इस पर सवाल किया कि क्या पीएलआई योजना और कर छूट के तहत कंपनियों को दी जा रही सब्सिडी देश में मोबाइल फोन निर्माताओं द्वारा किए जा रहे मूल्यवर्धन से अधिक है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने आठ महीने पहले भी राजन को जवाब दिया था लेकिन अब वह कुछ गलत आंकड़ों और घटिया तुलना के साथ लौट आए हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार स्मार्टफोन के मामले में चीन पर निर्भरता कम करने और घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है. मोबाइल फोन के लिए पीएलआई योजना एक अप्रैल, 2020 को अधिसूचित की गई थी. यह योजना पांच साल की अवधि के लिए योग्य कंपनियों को भारत में निर्मित मोबाइल फोन की वृद्धिशील बिक्री (आधार वर्ष से अधिक) पर चार से छह प्रतिशत का प्रोत्साहन राशि देती है.

मंत्री ने कहा, सरकार समझती है कि इसमें समय लगता है. बड़े पैमाने पर प्रयास की जरूरत होती है. हम ठीक यही कर रहे हैं - घरेलू क्षमता का निर्माण, चीन पर निर्भरता कम करना और मूल्यवर्धन बढ़ाना. उन्होंने कहा कि साल 2014 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद मोबाइल उत्पादन में 1,400 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है. मंत्री ने कहा, कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के 2014 में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद मोबाइल निर्यात में 4,200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है (26 करोड़ डॉलर से 2023 में 11.1 अरब डॉलर तक).

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उन्होंने कहा कि टाटा जैसी बड़ी कंपनियों ने अब न सिर्फ पुर्जो का निर्माण शुरू कर दिया है, बल्कि जल्द ही भारत में आईफोन का निर्माण शुरू कर दिया है और भारतीय एसएमई के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल होने का एक अवसर है.

(एजेंसियां)

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