शिलांग : मेघालय सरकार के लिए तब असहज स्थिति पैदा हो गयी जब पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के एक धड़े ने मुठभेड़ में मारे गए एक पूर्व उग्रवादी नेता के लिए सोशल मीडिया पर सहानुभूति दिखायी. उग्रवादी नेता की मौत के बाद हिंसा के कारण शिलांग में स्वतंत्रता दिवस पर कर्फ्यू लगाया गया था.
पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर. रामचंद्रन की सख्त चेतावनी के बाद पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया से आपत्तिजनक पोस्ट हटा लिए. कुछ ने काले झंडे भी प्रदर्शित किए थे.
पुलिस बल ने 13 अगस्त को शिलांग के मावलाई इलाके में हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) के पूर्व स्वयंभू महासचिव चेरिस्टरफील्ड थांगखियू को मुठभेड़ में मार गिराया था. हाल में राज्य में आईईडी धमाके के सिलसिले में यह कार्रवाई की गयी थी. अंतिम संस्कार के लिए 15 अगस्त को उसका शव ले जाने के दौरान शिलांग में हिंसा भड़क उठी जिसके बाद कर्फ्यू लगाया गया जिसे बृहस्पतिवार को आंशिक रूप से हटा दिया गया.
अधिकारी ने कहा, 'कुछ अधिकारियों और सिपाहियों ने सोशल मीडिया पर अपने 'डिस्प्ले' चित्रों या 'स्टेटस' के रूप में काले झंडे लगाए. कुछ ने थांगखियू के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए पुलिस बल के खिलाफ टिप्पणियां पोस्ट की. अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद डीजीपी ने इसका संज्ञान लिया.'