नई दिल्ली : बुधवार को चंद्रमा पर तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है. अविभाजित रूस, चीन और अमेरिका के बाद भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश भी बन गया है. चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग की सराहना करते हुए, भारत के पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी ने ईटीवी भारत को एक साक्षात्कार में बताया कि यह न केवल भारत की बल्कि भारतीयों की तकनीकी क्षमताओं के बारे में दुनिया के लिए एक संदेश है.
पार्थसारथी ने कहा कि यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. समग्र रूप से मानवता के लिए भारत का योगदान है. पार्थसारथी ने कहा, यह पहली बार है कि कोई चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा है और इससे भारत को भविष्य के मिशनों पर काम करने और चंद्रमा से परे देखने का मौका मिला है.
इसके अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय के भौतिकी और खगोल भौतिकी विभाग के प्रोफेसर संजय चमोली ने कहा कि आज चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 विक्रम लैंडर की लैंडिंग न केवल इसरो के लिए एक सफलता की कहानी है, बल्कि पूरी दुनिया हमें ऐसी सफलता हासिल करते हुए देख रही है. लैंडर बिल्कुल योजनाबद्ध तरीके से चंद्रमा की सतह पर उतरा है. यह शेष विश्व के लिए भी एक बड़ी सफलता की कहानी है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह भारत का चंद्रयान 3 मिशन है, कोरिया, जापान जैसे देशों के पास भी ऐसे ही मिशन हैं लेकिन वे तकनीकी कारणों से सफल नहीं हो सके. प्रोफेसर ने कहा कि इसलिए, चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से जापान, कोरिया और यूएई जैसे अन्य देशों को भारत की मदद से अपने अंतरिक्ष मिशन की योजना बनाने में बड़ी मदद मिलेगी.