नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व कांग्रेस प्रमुख किशोर उपाध्याय (Kishore Upadhyay) को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. जिस के बाद गुरूवार को उनके बीजेपी में शामिल होने की संभावना है. इसे पहले कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटा दिया था. प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटाने का आदेश जारी किया था. आदेश में देवेंद्र यादव ने कहा था कि उत्तराखंड के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं. कुशासन और बीजेपी नेतृत्व से लोगों में व्यापक गुस्सा है.
वहीं, उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बीजेपी में शामिल हो गए हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड की रक्षा, देश की रक्षा तभी संभव है जब उत्तराखंड खुशहाल रहेगा, सुखी रहेगा. उस भावना को लेकर लंबे समय से मेरी चर्चा हुई वनाधिकारों को लेकर. मुझे विश्वास है कि मेरी भावनाओं को संरक्षण इन साथियों से और प्रधानमंत्री मोदी जी से मिलेगा.
पत्र में कहा गया कि चुनौती का सामना करना और उत्तराखंड की देवभूमि और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है, लेकिन दुख की बात है कि किशोर उपाध्याय इस लड़ाई को कमजोर करने और लोगों के हितों को कमजोर करने के लिए बीजेपी और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलनसार हैं. वहीं, किशोर उपाध्याय के करीबी सूत्रों ने बताया कि वो सभी पार्टी पदों से निलंबन रद्द करवाना चाहते थे. इस बात से उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को भी अवगत करा दिया था.
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वहीं, इससे पहले कांग्रसे ने नई लिस्ट जारी करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत की सीट को रामनगर से बदलकर लालकुआं कर दिया गया है जबकि रामनगर सीट पर अब महेंद्र पाल सिंह लड़ेंगे, जिनका नाम पहले कालाढूंगी सीट के लिए तय किया गया था. वहीं कालाढूंगी सीट पर महेश शर्मा को अब प्रत्याशी बनाया गया है. दो अन्य सीटें- डोईवाला और ज्वालापुर पर भी उम्मीदवार बदले गए हैं. डोईवाला में मोहित उनियाल के स्थान पर गौरव चौधरी का नाम फाइनल किया गया है जबकि ज्वालापुर सीट पर बरखा रानी का टिकट काटकर रवि बहादुर को दिया गया है.