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Chandrababu Naidu Arrested: चंद्रबाबू नायडू की आज कोर्ट में पेशी, की गई मेडिकल जांच

आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को कथित कौशल विकास निगम घोटाले के सिलसिले में शनिवार को आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था. आज उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जा सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

Chandrababu Naidu Arrested
गिरफ्तारी के बाद चंद्रबाबू नायडू.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2023, 8:06 AM IST

Updated : Sep 10, 2023, 8:45 AM IST

विजयवाड़ा : तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को रविवार तड़के मेडिकल जांच के लिए आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में लाया गया. नायडू को केंद्रीय जांच विभाग (सीआईडी) के अधिकारियों की एक टीम अस्पताल ले आई और दिन में बाद में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि मेडिकल के बाद उन्हें वापस एसआईटी कार्यालय ले जाया गया. अधिकारियों के अनुसार, नायडू को विजयवाड़ा में एक विशेष भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत के समक्ष पेश किए जाने की उम्मीद है.

इस बीच, विजयवाड़ा सरकारी अस्पताल के साथ-साथ एसीबी कोर्ट में भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. इससे पहले, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद रवींद्र कुमार ने शनिवार को राज्य सरकार और सीआईडी की निंदा की और गिरफ्तारी के 20 घंटे बाद भी पूर्व सीएम को अदालत में पेश करने में देरी पर सवाल उठाया.

उन्होंने यह भी दावा किया कि नायडू की गिरफ्तारी 'राजनीतिक प्रतिशोध' का परिणाम थी. चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी अवैध थी. उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है. लगभग 20 घंटे से ज्यादा हो गए चंद्रबाबू नायडू को कोर्ट में पेश नहीं किया गया. सीआईडी उसे अदालत के समक्ष पेश क्यों नहीं कर रही है? अगर उन्होंने मामला दर्ज किया है और आरोप पत्र तैयार किया है, तो उन्हें पेश करने में देरी क्यों हो रही है. सांसद ने कहा कि कौशल विकास केंद्र में केवल 10 फीसदी हिस्सा सरकार का था, बाकी 90 फीसदी फंड सीमेंस कंपनी का था.

बता दें कि कथित कौशल विकास निगम घोटाले के सिलसिले में शनिवार को चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था.अधिकारियों के अनुसार, मामला आंध्र प्रदेश राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के समूहों की स्थापना से संबंधित है, जिसका कुल अनुमानित परियोजना मूल्य 3300 करोड़ रुपये है. एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हुआ है.

सीआईडी के अनुसार, जांच में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं, जैसे कि निजी संस्थाओं द्वारा किसी भी खर्च से पहले, तत्कालीन राज्य सरकार ने 371 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि प्रदान की, जो सरकार की पूरी 10 प्रतिशत प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है.

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सीआईडी अधिकारियों ने कहा कि सरकार की ओर से दी गई अधिकांश धनराशि फर्जी बिलों के माध्यम से शेल कंपनियों को भेज दी गई, बिलों में उल्लिखित वस्तुओं की कोई वास्तविक डिलीवरी या बिक्री नहीं हुई. सीआईडी ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में कहा है कि अब तक की जांच के अनुसार, छह कौशल विकास समूहों पर निजी संस्थाओं की ओर से खर्च की गई कुल राशि विशेष रूप से एपी सरकार और एपी कौशल विकास केंद्र द्वारा उन्नत धनराशि से प्राप्त की गई है, जो कुल 371 करोड़ रुपये है.

(एएनआई)

Last Updated : Sep 10, 2023, 8:45 AM IST

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