अमरावती : तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू शुक्रवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा में भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि जिस तरह की स्थिति यहां पर देखी गई है, इसकी तो मैंने कभी भी कल्पना नहीं की थी. मेरी पत्नी पर निशाना साधा जा रहा है. उनके बारे में अपशब्द कहे जा रहे हैं.
दरअसल नायडू अपनी पत्नी भुवनेश्वरी के कथित अपमान की घटना पर भावुक हो गए. भावुक स्वर में विपक्ष के नेता ने सदन में कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उन पर लगातार किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं.
नायडू ने कहा, 'पिछले ढाई साल से मैं अपमान सह रहा हूं लेकिन शांत रहा. आज उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है. मैं हमेशा सम्मान के साथ रहा हूं. मैं इसे और नहीं सह सकता.'
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भावुक स्पीकर तम्मिनेनी सीताराम ने माइक ऑफ कर दिया, लेकिन उन्होंने बोलना जारी रखा.
आपको बता दें कि कृषि क्षेत्र पर एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी निराशा व्यक्त की है. बाद में, उन्होंने अपने कक्ष में अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की, वहां वह बहुत ही ज्यादा भावुक हो गए.
मंगलागिरी में टीडीपी कार्यालय में आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में चंद्रबाबू नायडू को फूट-फूट कर रोते देखा गया. चंद्रबाबू नायडू ने कहा, मैंने अपने जीवन में कभी भी ऐसा नहीं देखा. मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी इतना कष्ट नहीं उठाया.
नायडू ने कहा कि उन्होंने खुद अपमान सहे, लेकिन आज मेरी पत्नी का अपमान किया गया, जबकि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. मेरे सत्ता में रहते हुए किसी का अपमान नहीं किया गया.
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उन्होंने कहा कि पुराणों में उल्लेख है कि द्रौपदी को पूर्ण सदन में अपमानित किया गया था. नायडू ने सवाल किया कि क्या लोग विपक्ष में बैठने पर भी जिम्मेदारी महसूस करते हैं ? पूरी घटना से स्तब्ध तेदेपा विधायकों ने नायडू को सांत्वना दी, जिसके बाद वे सभी सदन में वापस आ गए. नायडू ने कहा कि 'जब तक मैं सत्ता में नहीं लौटता, सदन में नहीं आऊंगा. तब तक हम लोगों के पास जाएंगे और इसका समाधान करेंगे.'
तेदेपा प्रमुख ने कहा, 'यह वाईएसआरसी के अत्याचारी शासन के खिलाफ एक धर्म युद्ध है. मैं लोगों के पास जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा. अगर लोग सहयोग करते हैं, तो मैं राज्य को बचाने का प्रयास करूंगा.'