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मालिक की मौत के बाद भी घर की चौखट पर उनका इंतजार कर रहा पालतू कुत्ता, रात में बच्चों की तरह रोता है - मेरठ न्यूज

मेरठ में एक डॉगी ने वफादारी की मिसाल पेश की. उसकी कहानी बेहद ही मार्मिक है. दरअसल, छोटू नाम के डॉगी की जिन्होंने परवरिश की थी, वह लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन, उसके बाद भी छोटू घर की चौखट पर बैठकर उनका इंतजार कर रहा है.

मेरठ में मालिक की मौत के बाद  भी उनका इंतजार कर रहा पालतू कुत्ता.
मेरठ में मालिक की मौत के बाद भी उनका इंतजार कर रहा पालतू कुत्ता.

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Published : Apr 13, 2023, 4:00 PM IST

मेरठ में मालिक की मौत के बाद भी उनका इंतजार कर रहा पालतू कुत्ता.

मेरठ:शहर में कुत्ते की वफादारी का अनोखा मामला सामने आया है. दरअसल, छोटू नाम का एक पालतू कुत्ता कभी जिस घर में रहता था, उन लोगों की मौत हो गई. इस समय घर में कोई नहीं रहता है. घर के गेट पर ताला लटका हुआ है. इसके बावजूद कुत्ते ने साथ नहीं छोड़ा. वह आज भी घर की चौखट पर बैठकर मालिकों का इंतजार कर रहा है. डॉगी 'छोटू' अक्सर मालिकों को यादकर रोता है.

दरअसल, यह घटना शास्त्रीनगर से जुड़ी है. इस घर के नजदीक रहने वाले अमित चौधरी ने बताया कि घर के स्वामी पीयूष शर्मा और मधु शर्मा थे. बीते साल एक दिन विद्यालय जाते वक्त मधु शर्मा को हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई. वह सरकारी स्कूल में अध्यापिका थीं. उनकी मौत के कुछ दिन बाद ही पीयूष शर्मा भी चल बसे. दोनों की कोई संतान नहीं थी. छोटू ही उनके परिवार के सदस्य के रूप में रहता था. वहीं उनके लिए सब कुछ था. अमित ने ईटीवी भारत को बताया कि अब इस घर में और कोई नहीं है. दोनों की मौत के बाद कुछ दूर के रिश्तेदारों ने छोटू को घर के बाहर कर दिया और ताला लगाकर चले गए. लेकिन, छोटू कहीं नहीं गया. वह आज भी दिन-रात घर के दरवाजे के सामने बैठा रहता है.

अब मोहल्ले के लोग छोटू का ध्यान रख रहे हैं.

पड़ोस में रहने वाली कंचन ने बताया कि मधु से उनकी घनिष्ठता थी. लेकिन, अब मधू और उसके पति इस दुनिया में नहीं हैं. कंचन ने बताया कि मधु शर्मा की 10 दिसंबर को मौत हुई थी. जबकि 20 दिन बाद ही मधु के पति पीयूष की भी मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि छोटू दोनों के लिए बच्चे की तरह था. एसी कमरे में वह सोता था. घर में ही उसका बिस्तर था. दोनों पति-पत्नी छोटू के साथ खुश रहते थे. जैसे कोई अपने बच्चे को पालता है, ठीक वैसे ही छोटू की परवरिश हुई थी. कंचन कहती हैं कि मोहल्ले वाले अब इस डॉगी को बहुत प्यार करने लगे हैं. सभी इसे अपने-अपने घर से खाना लाकर देते हैं. उन्होंने कहा कि वे सभी कोशिश करते हैं कि यह भूखा न रहे. छोटू उन सबका भी काफी घनिष्ठ हो गया है.

रात में अक्सर छोटू अपने मालिक काे यादकर रोने लगता है.

पड़ोस में रहने वाले राकेश गुप्ता बताते हैं कि छोटू आज भी दरवाजे पर अपने पालनहारों का इंतजार करता है. रात में उन्हें याद करके घर की तरफ मुंह करके रोता है. वह कहते हैं कि इंसानों को इससे सीख लेनी चाहिए. आजकल लोग बुढ़ापे में अपने माता-पिता का भी साथ छोड़ देते हैं .इस घर से उसका रिश्ता खत्म नहीं हुआ है, बल्कि आज भी वह बाहर से ही घर में झांकता रहता है.

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