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EU-India : ईयू-भारत: चौथी रणनीतिक साझेदारी समीक्षा बैठक में हुई कई मुद्दों पर चर्चा, 16 को ब्रुसेल्स में अगली बैठक

भारत और यूरोपीय संघ ने नई दिल्ली में एक बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने तय किया कि 16 मई को ब्रुसेल्स में टीटीसी तंत्र के तहत पहली मंत्रिस्तरीय बैठक होगी. यूरोपीय संघ और भारत ने एक सुरक्षित, समृद्ध और अधिक लोकतांत्रिक दुनिया के दृष्टिकोण के बारे में बात की.

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प्रतिकात्मक तस्वीर

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Published : May 10, 2023, 1:33 PM IST

नई दिल्ली : भारत और यूरोपीय संघ ने नई दिल्ली में अपनी चौथी रणनीतिक साझेदारी समीक्षा बैठक आयोजित की. भारतीय पक्ष का नेतृत्व संजय वर्मा, सचिव (पश्चिम) और यूरोपीय संघ की ओर से हेलेना कोनिग, आर्थिक और वैश्विक मुद्दों के लिए उप महासचिव, यूरोपीय बाहरी कार्रवाई सेवा द्वारा किया गया था. बैठक में भारत-यूरोपीय संघ के द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विस्तार की समीक्षा की गई. जो 'भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी: 2025 के लिए एक रोडमैप' में वर्णित है, जिसपर 2020 में 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान सहमति बनी थी.

भारत और यूरोपीय संघ ने उनकी व्यापक समीक्षा की है. चर्चाओं में डेटा संरक्षण सहित जलवायु, स्वच्छ ऊर्जा, जैव विविधता, परिपत्र अर्थव्यवस्था, संसाधन दक्षता, स्मार्ट शहरीकरण, व्यापार, अनुसंधान और नवाचार, शिक्षा, गतिशीलता और डिजिटल मुद्दों को शामिल करने वाले विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया गया. दोनों पक्षों ने कनेक्टिविटी के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की. इस बात पर जोर दिया कि कनेक्टिविटी परियोजनाएं संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करती हैं. उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते, निवेश संरक्षण समझौते और भौगोलिक संकेतों पर समझौते के लिए चल रही वार्ताओं का भी जायजा लिया.

उनके महत्व के साथ-साथ बहुपक्षीय स्तर पर पूर्ण सहयोग की आवश्यकता और आर्थिक मुद्दों पर एक नियमित द्विपक्षीय वार्ता की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की. उन्होंने नए लॉन्च किए गए भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद की प्रगति और दायरे की भी समीक्षा की. दोनों पक्षों ने तय किया कि 16 मई को ब्रुसेल्स में टीटीसी तंत्र के तहत पहली मंत्रिस्तरीय बैठक होगी. यूरोपीय संघ और भारत ने एक सुरक्षित, समृद्ध और अधिक लोकतांत्रिक दुनिया के दृष्टिकोण के बारे में बात की.

उन्होंने यूरोपीय संघ-भारत मानवाधिकार वार्ता की 2021 में बहाली की सराहना की. दोनों तरफ से इसे वार्षिक आधार पर आयोजित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई गई. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार यूक्रेन में एक व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की आवश्यकता को भी रेखांकित किया. दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, पारदर्शिता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट रूप से सीमा पार हमलों सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की निंदा की.

उन्होंने ग्लोबल गेटवे के माध्यम से सहयोग को मजबूत करने के लिए क्षेत्रों की पहचान करने और अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए प्राथमिकताओं को देखने की दृष्टि से सभी क्षेत्रों में अपनी बढ़ती भागीदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की.

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