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इंडियन इकोनॉमिक सर्विस में गोरखपुर की अनिशा गौहर ने हासिल की देश में 11वीं रैंक

गोरखपुर की बेटी अनिशा गौहर ने इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस परीक्षा पास कर देश ही नहीं जिले का नाम रोशन किया है. उसने इस परीक्षा में 11वीं रैक हासिल की. उसकी सफलता पर ईटीवी भारत ने उससे खास बातचीत की. इस दौरान उसने कहा कि उसका लक्ष्य देश को आर्थिक रूप से मजबूत करना है.

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Published : Dec 31, 2022, 1:36 PM IST

अनिशा गौहर ने रोशन किया गोरखपुर का नाम

गोरखपुर: इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस (IES) की परीक्षा में गोरखपुर की बेटी ने सफलता का झंडा गाड़ दिया है. पूरे देश में इसने 11वीं रैंक हासिल की है. अनिशा गौहर नाम की यह प्रतियोगी मौजूदा समय में विमेन एंपावरमेंट पर आईआईटी खड़कपुर में शोध कार्य कर रही है. यह मूलतः इकोनॉमिक्स की ही स्टूडेंट है. ईटीवी भारत से बातचीत में अनिशा ने बताया कि यह उसका तीसरा प्रयास था, जिसमें उसे सफलता हासिल हुई है.

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2022 की आयोजित परीक्षा में अनिशा ने सफल होकर यह कीर्तिमान बनाकर अपने परिवार और गोरखपुर को गौरवान्वित होने का अवसर दिया है. प्राथमिक शिक्षा से लेकर बीएससी तक उसकी पढ़ाई गोरखपुर में हुई. उसने एमएससी इकोनॉमिक्स आईआईटी रुड़की से किया है, जो वर्ष 2019 में पूर्ण हुआ. इसके बाद वह आईआईटी खड़कपुर से विमेन एंपावरमेंट में शोध कार्य कर रही है. इस दौरान वह लगातार यूपीएससी की परीक्षा देती रही और आखिरकार सफलता के उस मुकाम को छुआ, जिसको पाने की उसने हसरत पाल रखी थी. अनिशा उसके अनुरूप अपनी तैयारियों को भी अंजाम दे रही थी. ईटीवी भारत से अनिशा ने खास बातचीत की.

इस सफलता के बाद अनिशा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में बतौर डिप्टी डायरेक्टर तैनात होगी. इस दौरान वह डेढ़ वर्ष की ट्रेनिंग हासिल करेगी. गोरखपुर के शास्त्रीनगर मोहल्ले में रहते हुए इसने अपने बचपन की पढ़ाई को अंजाम दिया और आगे की पढ़ाई के लिए रुड़की और खड़कपुर का पड़ाव भी हासिल किया. वह कहती है कि देश को आर्थिक मजबूती दिलाने के साथ ही विमेन एंपावरमेंट, एग्रीकल्चर और हेल्थ सेक्टर को भी आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए आर्थिक नीतियों के बनाए जाने का हिस्सा बनना चाहती थी. इसलिए इकोनॉमिक्स सेवा में जाने का उसने मन बनाया था और उसके अनुकूल तैयारी कर रही थी. इसमें आखिरकार उसे सफलता हासिल हुई.

अनिशा गौहर ईटीवी भारत के माध्यम से सभी समाज के लिए बस एक ही संदेश देती है कि लड़के हों या लड़कियां मन लगाकर पढ़ें. अभिभावक भी पूरा ध्यान इसी पर दें. यह समाज में बड़े बदलाव और देश की उन्नति का कारक बनता है. वह आईएएस नहीं बनना चाहती थी. क्योंकि, वह आर्थिक नीतियों पर काम करना चाहती थी. इसलिए आईईएस को ही उसने अपना विकल्प चुना था. अनिशा के पिता अहमद सिद्दीकी एक सरकारी कर्मचारी हैं और संत कबीर नगर के मेहदावल तहसील में बतौर पेशकार कार्यरत हैं. वह मूलतः देवरिया जिले के कमहरिया के रहने वाले हैं. लेकिन, गोरखपुर में आकर बसे और इसे शिक्षा दीक्षा का केंद्र बनाया.

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अनिशा की मां का नाम खुशबुन निशा है, जो गृहणी हैं. इनके परिवार में शिक्षा का स्तर बड़ा ही ऊंचे दर्जे का है. अनिशा के बड़े भाई अतिकुर्रहमान मैकेनिकल इंजीनियर हैं. छोटा भाई आईआईटी खड़कपुर से कंप्यूटर साइंस में एमटेक है. छोटा भाई सफरउद्दीन सिद्दीकी इंडियन एयरफोर्स में गाजियाबाद में तैनात है. बहन शमां परवीन IIITDM जोधपुर से मास्टर इन डिजाइन का कोर्स कर रही है. परिवार में शिक्षा का गजब माहौल है. अनिशा ने अपनी सफलता पर परिवार के माहौल और माता-पिता के समर्पण को मूल आधार बताया. उसने कहा कि शिक्षकों और मित्रों का हौसला भी बड़ा काम आया.

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