कानपुर देहात:रूरा थाना क्षेत्र के माडौली गांव में सोमवार शाम को मां-बेटी की झोपड़ी में जलकर मौत के मामले में एक वीडियो सामने आया है. इस घटना को लेकर अधिकारियों पर कई आरोप भी लगाए गए हैं. वहीं, इस मामले में एसडीएम, लेखपाल और थाना प्रभारी सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई थी. वहीं, बताया जा रहा है कि मां-बेटी को बचाने के प्रयास में महिला का पति और रूरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए थे. इस घटना के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने परिजनों से बात की थी और उन्हें पूरा आश्वासन दिया था कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई ही जाएगी. उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया था.
वीडियो में दिख रहा है कि प्रशासन के इशारे पर जब झोपड़ी में हल्की फुल्की आग थी, तब जेसीबी चालक को आदेश दिया गया कि झोपड़ी गिरा दो. जबकि, झोपड़ी घास-फूस की बनी हुई थी और चारों तरफ से खुली हुई थी. मां-बेटी झोपड़ी के अंदर थीं, ऐसे में वहां मौजूद अधिकारियों ने जेसीबी चालक को आवाज दी कि झोपड़ी गिरा दो और चालक ने अफसरशाही के आदेश का पालन किया. जबकि, झोपड़ी के बाहरी हिस्से में बहुत ही नॉर्मल आग थी. बताया जा रहा है कि ऐसे में अधिकारियों द्वारा झोपड़ी को गिरवा देना ही मां-बेटी की मौत की सबसे बड़ी वजह है. तहसील प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप है कि मां-बेटी की जलाकर हत्या कर दी.
रूरा थाना क्षेत्र के माडौली गांव में सोमवार शाम को मां-बेटी की मौत मामले में एसडीएम मेथा जानेश्वर प्रसाद, रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम, माडौली गांव के लेखपाल अशोक सिंह, जेसीबी ड्राइवर दीपक सहित कई अन्य लोगों पर पीड़ित पिता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इसमें धाराएं 302, 307, 436,429, 323 में 11 नामजद व 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था.
बता दें कि अतिक्रमण की जद में आ रहे मंदिर को प्रशासन की टीम गिराने गई थी. इस दौरान मंदिर के पास की झोपड़ी में आग लग गई थी. इसमें मां-बेटी की जिंदी जलकर मौत हो गई थी. इस मामले में परिजनों ने आरोप लगाया था कि जिला और तहसील प्रशासन की टीम ने घर में आग लगाकर मां-बेटी की हत्या कर दी. बता दें कि पीड़ित परिवार ने 14 जनवरी को डीएम कार्यालय पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई थी. डीएम ने पीड़ित परिवार को 3 दिन में न्याय का आश्वासन दिया था.