नई दिल्ली:हिमांशु गुप्ता का जन्म उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में हुआ था, उनका परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर था. हिमांशु ने गरीबी को करीब से देखा था, वो लाचारी और आर्थिक तंगी को अच्छे से समझते थे, लेकिन वह अपनी इस हालात पर निराश नहीं थे, बल्कि उन्हें इन हालातों से एक नई सकारात्मक उर्जा मिलती थी, जो उन्हें सिखाती थी कि चाहे कुछ भी हो जाए, इन हालातों को बदलना है.
हिमांशु को लगता था कि ऐसा करने का सबसे अच्छा माध्यम शिक्षा है, लेकिन अक्सर अच्छी शिक्षा (ias himanshu gupta story) आर्थिक समृद्धि के साथ ही आती है. इस कारण हिमांशु को बुनियादी शिक्षा हासिल करने के लिए भी काफी जतन करना पड़ा था. हिमांशु उस दौर को याद करते हैं कि वे बहुत कम अपने पिता से मिल पाते थे, आर्थिक कठिनाई के चलते उनके पिता अक्सर अलग-अलग जगह काम की तलाश किया करते थे.
इसी तलाश के चलते उनका परिवार (ias himanshu gupta story struggle ) उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित शिवपुरी चला गया, जहां उन्होंने अपने शिक्षा की (ias himanshu gupta story) शुरुआत की, लेकिन स्कूल तक पहुंचने के लिए उन्हें 35 किमी का फासला तय करना पड़ता था (ias himanshu gupta story schooling ) जो काफी मुश्किल था, लेकिन हिमांशु ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. हिमांशु इस वक्त तक यूपीएससी से बेखबर थे.
वह अपने कॉलेज के दिनों में लोगों को देखकर, मिलकर और उनसे बात करके सीखा करते. हिमांशु विभिन्न क्षेत्रों में और जमीनी स्तर पर लोगों के लिए काम करना चाहते थे, जिसके चलते अपनी ख्वाहिश का आकलन करने के बाद हिमांशु ने 2016 में यूपीएससी क्रैक करने का फैसला किया(ias himanshu gupta story coaching ).