नई दिल्ली:जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीत लिया है. पहले राउंड में उन्होंने 87 मीटर दूर भाला फेंका था. भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज ने देश को गोल्ड दिलाया है.
87.58 मीटर भाला फेंककर रचा इतिहास
टोक्यो में शनिवार का दिन भारत के लिए स्वर्णिम रहा. कुश्ती में बजरंग पूनिया के कांस्य पदक जीतने के कुछ ही देर बाद नीरज चोपड़ा के गोल्ड जीतने की खुशखबरी आई. जैवलीन थ्रो में भारत के नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर भाला फेंककर यह इतिहास रचा.
अभिनव विंद्रा के बाद नीरज चोपड़ा
टोक्यो ओलंपिक में यह भारत का पहला गोल्ड मेडल है. इससे पहले अभिनव विंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में एकल प्रतिस्पर्धा (शूटिंग) में गोल्ड मेडल जीता था. ट्रैक एंड फील्ड कैटिगरी में यह भारत का पहला स्वर्ण पदक है. अभी तक ओलंपिक आयोजनों में भारत को 10 गोल्ड मेडल मिले हैं. इनमें से 8 ग्रुप इवेंट हॉकी में मिले हैं. भारत ने पहली बार 1920 में एंटवर्प ओलंपियाक के एथलेटिक्स में भाग लिया था. तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था. दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा 960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गए थे.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अब भी नार्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गये पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (अब विश्व एथलेटिक्स) के अनुसार उन्होंने तब ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व किया था. भारत स्वतंत्र देश के तौर पर 1928 के ओलंपिक से भाग ले रहा है.
1928 से 1948 तक कुल चार ओलंपिक
1928 से 1948 तक कुल चार ओलंपिक हुए, जिसमें भारत को एक-एक मेडल मिलता रहा. ये मेडल हॉकी में मिले थे. 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में भारत को एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक मिला था. 1956 ( मेलबर्न) मे भी हॉकी के बलबूते ही एक गोल्ड मेडल मिला.1960 के रोम ओलंपिक में भारत को एक रजत, 1964 के टोक्यो ओलंपिक में एक गोल्ड, 1968 (मैक्सिको) में एक कांस्य पदक मिला. ये सभी पदक हॉकी के खाते में ही दर्ज है.
15 साल तक भारत को कोई मेडल नहीं
पुरुष हॉकी में ही 1972 में एक कांस्य और 1980 में एक गोल्ड मिला था. इसके बाद 15 साल तक भारत को ओलंपिक में कोई मेडल नहीं मिला. 1996 के अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने टेनिस में कांस्य पदक जीतकर एक बार फिर मेडल टैली में खड़ा किया. 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने भी वेटलिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर यह परंपरा बनाए रखी. 2004 के एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्द्धन सिंह राठौर ने सिल्वर मेडल जीता था.
2008 के ओलंपिक में भारतीय एथलीट एक गोल्ड और दो कांस्य जीतने में सफल रहे. 2012 के लंदन ओलंपिक में दो सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज के साथ भारतीय खिलाड़ियों ने अपना दम दिखाया. कुश्ती में सुशील कुमार और निशानेबाजी में विजय कुमार ने सिल्वर मेडल जीता था. लंदन में सायना नेहवाल, एम सी मैरिकॉम, योगेश्वर दत्त और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.
2016 में एक सिल्वर और एक कांस्य से ही भारत को संतोष करना पड़ा. 2021 के भारत टोक्यो ओलंपिक में भारत अबतक कुल 7 पदक ( एक गोल्ड, दो सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज) जीतकर 47वें पायदान पर पहुंच गया है.
लंदन ओलंपिक्स के बाद टोक्यो ओलंपिक
लंदन ओलंपिक्स के बाद टोक्यो भारत के लिए सफलतम ओलंपिक डेस्टिनेशन बन गया है. लंदन ओलंपिक में भारत ने दो सिल्वर और 4 कांस्य के साथ कुल 6 मेडल जीते थे. टोक्यो में अब तक 7 भारतीय मेडल जीत चुके हैं. टोक्यो ओलंपिक की मेडल टैली में मीराबाई चानू ने सिल्वर के साथ भारत के लिए जगह बनाई. इसके बाद पी. वी सिंधु, लवलीना, और बजरंग पूनिया ने कांस्य जीता. पहलवान रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता. भारत की पुरुष टीम ने भी हॉकी में 41 साल बाद कांस्य पर कब्जा किया है.