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World's First Womens Pipe Band: जीवन की दुश्वारियों के बीच साध रहीं सुर-ताल, पाइप बैंड की सदस्य बोलीं- ये गर्व की बात

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Published : Mar 16, 2023, 10:04 PM IST

दुनिया का पहला महिला पाइप बैंड भारत में है. यह जानकर भले आपको आश्चर्य लगेगा, लेकिन हमारे देश की नारी शक्ति किसी भी काम में पीछे नहीं हैं. वह अब देश ही नहीं दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं. ऐसी ही मातृशक्ति की टीम से ETV Bharat ने बातचीत की. देखिए रिपोर्ट...

World's First Womens Pipe Band
सीआरपीएफ की महिला पाइप बैंड

जीवन की दुश्वारियों के बीच साध रहीं सुर-ताल

भोपाल।दुनिया में महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, भारत की महिलाएं इस मामले में देश ही नहीं दुनिया में भी सबसे आगे हैं. वह सिर्फ कंधे से कंधा मिलाकर नहीं बल्कि खुद अपना मुकाम बना कर सबसे सर्वश्रेष्ठ हैं. हमारे देश कि सीआरपीएफ कि, अर्धसैनिक बल अब सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया में मशहूर है. वह इसलिए कि, उनके पास खुद का महिला बैंड है. इस पूरे ग्रुप में 30 सदस्य हैं. जबकि इस महिला बैंड की कमांड दर्शना कुमारी के हाथ में है. जो हरियाणा से आती हैं. ईटीवी भारत ने नारी शक्ति की टीम से बात की तो जाना कि, उनके इस मुकाम में पहुंचने के दौरान उन्हें किसका-किसका सहयोग प्राप्त हुआ.

बैंड से कमाया नाम:दर्शना बताती हैं कि, उनके बैंड को ऑल-बिमेन पाइप बैंड का नाम दिया गया है. 2012 में इसकी शुरुआत हुई थी. अधिकारियों ने उन्हें समझाया था कि, महिलाएं भी पुरुषों की तरह हर कार्य क्षेत्र में आगे हैं. ऐसे में आप भी इस बैंड में नाम कमा सकती हैं. वो बताती हैं कि, 21 दिसंबर 2018 को पीएम मोदी के सामने भी इन्होन परफॉर्मेंस दी थी. इस दौरान मोदी मंच से उनका अभिवादन करते हुए नजर आए थे और काफी खुश थे.

मिलती है काफी इज्जत:बैंड पार्टी की सदस्य विभारानी बिहार की रहने वाली हैं. वह बताती हैं कि, जब से वह इस बैंड में आई हैं जगह-जगह बैंड के माध्यम से जब वह जाती हैं. इसको प्ले करती हैं तो उन्हें काफी इज्जत मिलती है. हर व्यक्ति सम्मान की दृष्टि से देखता है. इससे उन्हें भी अपने आप पर बहुत गर्व होता है. हिमाचल की रहने वाली रीना इस ग्रुप में साइड ड्रम बजाती हैं. वह कहती हैं कि, महिला होने के नाते कई परेशानियां तो आती हैं लेकिन उन परेशानियों को नजरअंदाज करके ही आगे बढ़ना होता है. अगर परेशानियों को साथ लेकर चलेंगे तो वह आपका पीछा नहीं छोड़ेंगे. ऐसे में परेशानियों को नजरअंदाज कर अपने लक्ष्य के प्रति अग्रसर रहती हैं

राजपथ पर दी थी प्रस्तुति: दिल्ली की प्रेमलता मुख्य रूप से पाईप बजाती हैं. वह कहती हैं कि, शुरुआत में थोड़ी कठिनाई जरूर हुई थी, लेकिन जब बड़े-बड़े मंचों पर जाने लगी तो उसके लिए काफी प्रेक्टिस इन्होंने करी. यहां तक कि, राजपथ पर भी उन्होंने इस बैंड की प्रस्तुति दी थी. इनका कहना है कि, जब आपको मौका मिल जाता है तो उस मौके को आपको भुनाते हुए अपना बेहतर समय देना चाहिए. शुरुआत में इन्हें भी थोड़ा संकोच जरूर लगा था. लेकिन जैसे-जैसे प्रैक्टिस करती गई और मौके मिलते गए. यह आगे बढ़ती जा रही हैं. अब फुल कॉन्फिडेंस के साथ देश ही नहीं दुनिया भर में बैंड के माध्यम से घूम कर आ चुकी हैं.

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गर्व की अनुभूति:राजस्थान की रहने वाली ऊषा कहती हैं कि, पीएम मोदी के सामने भी हमें झिझक नहीं आई थी. पहले यह लग रहा था कि प्रधानमंत्री के सामने परफॉर्मेंस करनी है और एक साथ मिलकर वह रिदम और ताल बनी रहे, लेकिन जब उनके सामने गए तो अंदर से एक गर्व अपने आप पर महसूस हुआ और अब हम जहां भी जाते हैं गर्व की अनुभूति महसूस करते हैं. वह कहती हैं कि, परिवार का साथ मिला है. परिवार के लोग कहते हैं कि तुम नौकरी करो हम घर को देख लेंगे. अगर यही भावना हर जगह हो तो नारी निश्चित तौर पर हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है और ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हमारे ग्रुप ने

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