नई दिल्लीःटोक्यो ओलंपिक में इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है.
दरअसल, इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जो इतिहास में पहली बार हुआ था. इसके बाद महिला हॉकी टीम को बधाई देने वालाें का सोशल मीडिया पर तांता लग गया. लोग टीम को मशहूर फिल्म चक दे इंडिया की महिला हॉकी टीम से कंपेयर भी करने लगे थे.
भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने ईटीवी भारत के साथ हुए स्पेशल इंटरव्यू में बताया कि इस बार का ओलंपिक भारतीय महिला टीम के लिए बेहद शानदार रहा है. किसी को भी भारतीय महिला हॉकी टीम से इस तरह के शानदार खेल की उम्मीद नहीं थी, लेकिन टीम को पूरा कॉन्फिडेंस था और यूरोपियन टीम के साथ मैच होने के बाद टीम का हौसला न सिर्फ बढ़ा, बल्कि प्रदर्शन में भी लगातार सुधार हुआ. हालांकि, पदक जीतने में कामयाबी न मिलने की वजह से थोड़े निराश जरूर हैं, लेकिन हौसले बुलंद हैं.
रानी रामपाल ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान सभी खिलाड़ियों में काफी अच्छी फील थी. इसके चलते सेमीफाइनल तक पहुंचे. हालांकि, पदक नहीं जीत पाए, लेकिन इस बार के ओलंपिक में प्रदर्शन से न सिर्फ पूरी टीम का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा, बल्कि आने वाले टूर्नामेंट के प्रदर्शन में भी सुधार देखने को मिलेगा.
भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने प्रदर्शन से देश भर में महिला खिलाड़ियाें को प्रेरित किया है. यूरोपियन देशों की महिला टीम भारतीय महिला हॉकी टीम से काफी मजबूत है, लेकिन जब से टीम से साउथ अफ्रीकन कोच जुड़े हैं, तब से टीम की फिटनेस में काफी इंप्रूवमेंट हुई.
ओलंपिक में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों के साथ मैच खेल कर, टीम का कॉन्फिडेंस चरम पर है. इसका असर आने वाले टूर्नामेंट में विश्व स्तरीय टीमों के खिलाफ मैच में भी दिखेगा. टीम इंडिया जीत दर्ज करने का पूरा प्रयास करेगी.
ओलंपिक के बाद यह भी पता लग गया है कि किस टीम की क्या गेम है और विपक्षी टीम को कैसे टैकल करना है. आने वाले चार वर्षों में भारतीय महिला हॉकी टीम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की कोशिश करेगी, ताकि पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकें और देश के लिए पदक जीत सकें.