जयपुर : राजस्थान के भरतपुर गुर्जर आंदोलन को लेकर गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पालड़ी ने आंदोलनकारियों की बैकलॉग की मांग को पूरी तरह से असंवैधानिक बताया. उन्होंने कहा कि बैकलॉग का प्रावधान सिर्फ एससी और एसटी के लिए है.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान हिम्मत सिंह पालड़ी ने आंदोलनकारियों की बैकलॉग की मांग को पूरी तरह से असंवैधानिक बताया है. साथ ही इस पूरे गुर्जर आंदोलन के पीछे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का पुत्र मोह और निजी स्वार्थ को वजह बताया.
ईटीवी भारत से बात करते हिम्मत सिंह गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पालड़ी ने कहा कि बैकलॉग का प्रावधान सिर्फ एससी और एसटी के लिए है, ओबीसी के लिए बैकलॉग का कोई प्रावधान नहीं है और ना ही विधेयक में इसका प्रावधान है. ऐसे में जब विधेयक में ही ओबीसी व एमबीसी के लिए बैकलॉग का प्रावधान नहीं है, तो उसे इसका लाभ कैसे मिलेगा.
ईटीवी भारत से बात करते हिम्मत सिंह उन्होंने कहा कि एमबीसी कोटा के तहत हमारे रिजर्व पद थे, लेकिन इन लोगों ने (बैंसला गुट) बैकलॉग-बैकलॉग बोल-बोल कर रिजर्व पदों को भी भुला दिया, लेकिन हमने अपनी 14 मांगों में इन रिजर्व पदों की मांग को सरकार से स्वीकृत कराया है.
ईटीवी भारत से बात करते हिम्मत सिंह कर्नल पहले स्वागत करते हैं, फिर चेतावनी देते हैं...
पालड़ी ने कहा कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सिकंदरा में जाकर जो चेतावनी दी है, वह कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि कर्नल बैंसला कभी 12 घंटे की चेतावनी देते हैं, तो कभी कुछ दिनों की चेतावनी देते हैं. यह तो कर्नल की आदत में शुमार है कि वह पहले माफी मांगते हैं, फिर स्वागत करते हैं और उसके बाद चेतावनी देते हैं, लेकिन जनता अच्छी तरह समझ चुकी है कि सरकार के साथ जो समझौता होना था वह हो चुका है.
हिम्मत सिंह ने कहा कि इन 14 मांगों के बाद भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की कोई व्यक्तिगत मांग है, तो वो सरकार से जाकर वार्ता करें. हमें इस बात से कोई एतराज नहीं है. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अपनी 6 मांगों को पूरा करने की बात कह रहे थे, लेकिन हम 14 मांगें पूरी करवा कर लाए हैं. अब वह भले ही 21 मांगें पूरी करवाए हमें कोई दिक्कत नहीं है.
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पैसे लेकर मांग उठाना समाज के साथ धोखा
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पालड़ी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 6 महीने पहले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला ने एक ट्रस्ट बनाया. जब एक सामाजिक ट्रस्ट बनाया है, तो उसके अकाउंट की पूरी डिटेल स्पष्ट करने की उन्होंने मांग की थी. उन्होंने कहा कि हमने ट्रस्ट के अकाउंट में कहां से पैसा आ रहा है और कौन लोग उसमें पैसा डाल रहे हैं, इसको स्पष्ट करने की बात कही थी.
उन्होंने विजय बैंसला पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लड़के 1252 वेतन नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, उन लड़कों से 10-10 हजार रुपये लिए गए. इसकी जानकारी ट्वीट कर भी दी थी. इसके बाद कई लड़कों ने ट्वीट में इस बात का जवाब भी दिया कि उन्होंने 10-10 हजार रुपये दिए हैं. हिम्मत सिंह ने विजय बैंसला पर निशाना साधते हुए कहा कि पैसा लेकर समाज की मांग उठाना सरासर धोखेबाजी और नाइंसाफी है.
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मनगढंत आरोप
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए हिम्मत सिंह पालड़ी ने कहा कि मृतक के परिजन की ओर से लगाए गए एक लाख रुपये लेने का आरोप सरासर निराधार और मनगढंत है. उन्होंने कहा कि विजय बैंसला पर उन्होंने 10-10 हजार रुपये लेने के आरोप लगाए थे. इसी कारण कर्नल और उनके बेटे ने उस मृतक के परिजन को भड़का कर मेरे खिलाफ आरोप लगवा दिए. हिम्मत सिंह ने कहा कि वो मृतक के परिजन के खिलाफ मानहानि का दावा कर कानूनी कार्रवाई करेंगे.
सामाजिक नेतृत्व कोई राजगद्दी नहीं
हिम्मत सिंह पालड़ी ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह आंदोलन कर्नल सिर्फ अपने बेटे विजय बैंसला को स्थापित करने और सामाजिक नेता बनाने के लिए करा रहे हैं. 7-8 दिन तक मीडिया में विजय बैंसला बने रहे, अगर बेटा को नेता बनाना था, तो आंदोलन के पहले दिन ही घोषणा कर देते.
पालड़ी ने कहा कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला शनिवार को सिकंदरा में अपने बेटे को साथ लेकर नहीं गए, खुद ही जाकर वहां समाज के लोगों से मिलकर आए, क्योंकि वहां पर विजय बैंसला का विरोध हो रहा था. सामाजिक नेता बनने के लिए तपना पड़ता है और खपना पड़ता है. यह कोई राजगद्दी नहीं है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपने बेटे को राजपाट सौंप दिया. उन्होंने कहा कि मैंने इस बात का पहले ही खुलासा कर दिया था कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अपने बेटे को राजनीतिक रूप से स्थापित करना चाहते हैं.
कर्नल खुद अपने बेटे को अयोग्य मान रहे हैं
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह पालड़ी ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पर आरोप लगाते हुए कहा कि खुद कर्नल बैंसला अपने बेटे को राजनीतिक रूप से अयोग्य मानते हैं. यही वजह है कि वह अपने बेटे को सिकंदरा में लेकर नहीं गए थे. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं कर्नल बैंसला ने जब अपने बेटे को समाज का नेता घोषित कर दिया, तो कर्नल खुद क्यों बार-बार रेलवे ट्रैक पर आ रहे हैं, क्यों मंत्रियों से बात कर रहे हैं और क्यों सरकार से बात कर रहे हैं. अपने बेटे को ही नेतृत्व करने दें.