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जानिए, नवंबर में आपकी राशि पर तीन ग्रहों का कैसा रहेगा असर - राशि पर इन तीन ग्रहों का कैसा रहेगा असर

ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में ग्रहों की चाल का काफी महत्व माना गया है. ग्रहों की चाल और उनके बन रहे संयोग का मानवीय जीवन में काफी प्रभाव पड़ता है. आज के कार्यक्रम में जानेंगे कि नवंबर में किन ग्रहों की चाल बदल रही है और किन राशि के जातकों पर इसका प्रभाव पड़ेगा.

नवंबर में आपकी राशि
नवंबर में आपकी राशि

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Published : Oct 31, 2021, 3:37 PM IST

नई दिल्ली :ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में सभी नौ ग्रहों की चाल का विशेष प्रभाव हर एक जातक पर पड़ता है. प्रत्येक ग्रह एक निश्चित अंतराल में एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं. इस तरह से हर महीने कोई न कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है. इसके अलावा ग्रह मार्गी से वक्री और वक्री से मार्गी चाल भी चलते हैं. नवंबर में तीन ग्रह राशि बदलेंगे. ये तीन ग्रह सूर्य, बुध और देवगुरु बृहस्पति हैं. इनमें बुध ग्रह दो बार राशि परिवर्तित (graha parivartan) करेगा.

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास (Jyotishacharya Anish Vyas) ने बताया कि दो नवंबर को बुध ग्रह राशि परिवर्तन तुला में करेंगे. इस राशि में बुध 21 नवंबर तक रहेंगे और फिर वृश्चिक राशि में जाएंगे. इसके बाद सूर्य का राशि परिवर्तन 16 नवंबर वृश्चिक राशि में होगा. सूर्यदेव अभी नीच राशि तुला में हैं. 20 नवंबर को सभी ग्रहों के गुरु ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. नवंबर में तीन प्रमुख ग्रहों के राशि परिवर्तन से कुछ राशि के जातकों को शुभ फल की प्राप्ति होगी.

ग्रह राशि परिवर्तन

नवंबर में ग्रहों की युति

ज्योतिषाचार्य व्यास ने बताया कि नंबर की शुरुआत में बुध ग्रह का गोचर तुला राशि में होगा, जहां मंगल और सूर्य पहले से ही विराजमान होंगे. बुध के गोचर से तुला राशि में तीन ग्रहों की युति होगी. इस युति से कारोबारियों को लाभ मिलने की संभावना है. खासकर उन कारोबारियों को, जो सरकार के साथ जुड़कर कोई कारोबार करते हैं. यह युति 16 नवंबर तक बनी रहेगी, जब तक सूर्य राशि परिवर्तन नहीं कर लेते हैं. 16 नवंबर को सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 21 नवंबर को बुध भी इसी राशि में गोचर करेंगे. केतु पहले से ही वृश्चिक राशि में विराजमान हैं, इसलिए 21 नवंबर को एक बार फिर तीन ग्रहों की युति वृश्चिक राशि में होगी. सूर्य-बुध-केतु की यह युति मिलेजुले फल प्रदान करेगी. इस युति के कारण सूर्य ग्रहण बनेगा, जिसके कारण सरकारी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान मिथुन, सिंह, कन्या राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

बुध का तुला और वृश्चिक राशि में गोचर

संचार, बुद्धि और चातुर्यता का कारक बुध ग्रह दो नवंबर को सुबह 10.04 बजे स्वराशि कन्या से तुला में प्रवेश करेंगे. इस राशि में बुध 21 नवंबर तक रहेंगे और फिर वृश्चिक राशि में जाएंगे. इस राशि में बुध देव और सूर्य ग्रह मिलकर बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे. वृश्चिक राशि में बुध 10 दिसंबर 2021 तक रहेंगे. बुध ग्रह कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं. बुध कन्या राशि में उच्च और मीन राशि में नीच के माने जाते हैं. नवंबर में तुला और वृश्चिक राशि वालों के ऊपर बुध ग्रह का प्रभाव देखन को मिल सकता है.

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सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर

सूर्य ग्रह को सृष्टि की आत्मा कहा जाता है. यह पिता, राजा, नेतृत्व, उच्च पद, मान-सम्मान आदि का कारक है. सूर्य ग्रह 16 नवंबर को दोपहर 01.28 बजे तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 16 दिसंबर तक इसमें रहेंगे. मेष सूर्य की उच्च राशि है, तो तुला में यह नीच भाव में होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला राशि में आने से सूर्य कमजोर हो जाता है. वृश्चिक राशि में सूर्य के आने से इस राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन वैवाहिक जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में करेंगे गोचर

बृहस्पति मकर राशि में शनि के साथ युति कर रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में गुरु को एक शुभ ग्रह के रूप में देखा जाता है. यह धनु और मीन राशि का स्वामी है. इसे वृद्धि, ज्ञान, गुरु, धन, विवाह सहित सत्कर्म का कारक माना जाता है. गुरु बृहस्पति 21 नवंबर रविवार रात्रि 02.05 बजे मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. इस राशि में अगले साल 13 अप्रैल 2022 तक रहेंगे. इससे कुंभ राशि के जातकों को अच्छे परिणाम मिलेंगे.

ग्रहों के गोचर का प्रभाव

ग्रहों की जो स्थिति बनने जा रही है, वह बड़े परिवर्तनों की ओर इशारा कर रही है. व्यापार में तेजी आएगी. देश में कई जगह प्राकृतिक घटनाएं होंगी. भूकंप आने की आशंका है. तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़कें और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं. यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है. शासन-प्रशासन और राजनीतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे. दुर्घटना और भूकंप से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा.

क्या करें उपाय

अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊं नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. हनुमान चालीसा और संकट मोचन का पाठ करें. लाल मसूर की दाल शाम सात बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए.

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