नई दिल्ली :वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को धन, संपदा, वैभव, सुख, प्रेम और सौंदर्य आदि का कारक माना गया है. 27 फरवरी 2022 यानी आज से शुक्र, सुबह 9:53 बजे मकर राशि में गोचर करेंगे. आपके जीवन के साथ ही इस गोचर का प्रभाव राष्ट्रव्यापी और वैश्विक स्तर पर देखने को मिलेगा. ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ और अच्छी स्थिति में होता है, ऐसे जातक अपने दृष्टिकोण में आकर्षक होते हैं और स्वभाव में बेहद ही रोमांटिक होते हैं. इसके अलावा ऐसे जातकों का प्रेम और वैवाहिक जीवन बेहद सफल और सुखमय होता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र, प्रेम और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह है. यदि कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में न हो तो व्यक्ति के जीवन में शुभ कार्य में कमी देखने को मिल सकती है. किसी भी ग्रह के राशि परिवर्तन करने से उसका प्रभाव मनुष्य जीवन पर देखने को मिलता है. शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वा आषाढ़ नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है. शुक्र ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं.
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताते हैं कि पौराणिक कथाओं में शुक्र का प्रचलित नाम शुक्राचार्य है, जिसके पास संजीवनी विद्या थी और ये शिव के परम भक्त व महर्षि भृगु ऋषि के पुत्र हैं. सप्ताह में शुक्रवार का दिन शुक्र को समर्पित है. शुक्र के अच्छे फल के लिए महिलाओं का सम्मान करें. इसके साथ ही भगवान परशुराम की आराधना करने से भी शुक्र की कृपा प्राप्त होती है. वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है. इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है. इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना, और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है.
शुक्र के पास अमृत संजीवनी : अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र पृथ्वी के साथ हैं और शुक्र के पास अमृत संजीवनी है. इस कारण कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आयेगी. वहीं कोरोना महामारी संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा. प्राकृतिक आपदा और अप्रिय घटनाएं जन शून्य स्थानों पर होने की संभावना अधिक है. शुक्र अमृत संजीवनी के कारण संक्रमण और दुर्घटना के शिकार लोगों को बचाने में सफल रहेंगे.
शुक्र का शुभ-अशुभ प्रभाव :शुक्र के राशि परिवर्तन से कोरोना महामारी से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा. भौतिक सुख और वैवाहिक सुख में वृद्धि होगी और देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह शुभ रहेगा. लेकिन कानूनी मामलों में वृद्धि होगी. शुक्र के राशि बदलने से खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी. सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी. मशीनरी समान महंगे हो सकते हैं. व्यापार में तेजी रहेगी. सोने-चांदी के भाव में वृद्धि होगी. दूध से बनी चीजों का उत्पादन बढ़ सकता है. सुख-सुविधाओं की चीजों में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है. रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि के साथ आय में बढ़ोतरी होगी. हालांकि राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. वहीं शुक्र के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं.
शुक्र ग्रह के उपाय :लक्ष्मी माता की उपासना करें. सफेद वस्त्र दान करें. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें. शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं. चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें. 'श्री सूक्त' का पाठ करें. शुक्रवार के दिन दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें. आइए ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास से जानते हैं कि शुक्र के गोचर से सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
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मेष राशि :शुक्र आपकी राशि में दसवें स्थान पर गोचर करेंगे. आपको करियर के क्षेत्र में सफलता मिलेगी. आपकी सफलता में पिता हमेशा आपके साथ रहेंगे. इसके अलावा आपके पिता को भी तरक्की के लिये बेहतरीन मौके मिलेंगे.
वृष राशि :शुक्र आपकी राशि में नवें स्थान पर गोचर करेंगे. भाग्य का पूरा साथ मिलेगा. इस दौरान आप जो चाहेंगे, वो अवश्य ही पूरा होगा. साथ ही आपको धन लाभ होगा और जीवन में संतान का सुख भी बना रहेगा.
मिथुन राशि :शुक्र आपकी राशि में आठवें स्थान पर गोचर करेंगे. आपकी सेहत ठीक रहेगी. अगर आप अपने खान-पान का ध्यान रखेंगे तो आपको सेहत संबंधी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. इस दौरान आप अपने जीवनसाथी की हर बात मानेंगे.