नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ जुलाई महीने में शुद्ध रूप से 14.65 लाख नए सदस्य जुड़े हैं. जून की तुलना में इसमें 31.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जून में ईपीएफओ ने 11.16 लाख नए सदस्य बनाए थे. ये आंकड़े देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को दर्शाते हैं.
ईपीएफओ के सोमवार को जारी अस्थायी पेरोल आंकड़ों के अनुसार जुलाई, 2021 में शुद्ध रूप से 14.65 लाख नए सदस्य जोड़े गए. जून की तुलना में यह 31.28 प्रतिशत की वृद्धि है.
इस साल जून में शुद्ध रूप से नए नामांकन के आंकड़े में संशोधन कर इसे घटाकर 11.16 लाख कर दिया गया है. पहले इसके 12.83 लाख रहने का अनुमान लगाया गया था.
आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने अप्रैल में शुद्ध रूप से 8.9 लाख और मई में 6.57 लाख नए सदस्य बनाए थे.
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर अप्रैल मध्य से शुरू हुई थी जिसके बाद कई राज्यों को लॉकडाउन अंकुश लगाने पड़े थे.
मंत्रालय ने कहा कि 14.65 लाख नए सदस्यों में से करीब 9.02 लाख सदस्य पहली बार ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए हैं. इस दौरान शुद्ध रूप से 5.63 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले और उसके बाद फिर इसमें शामिल हुए. इससे पता चलता है कि ज्यादातर सदस्यों ने ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता को जारी रखने का फैसला किया है.
जुलाई, 2021 में ईपीएफओ से पहली बार जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या छह प्रतिशत बढ़ी. वहीं ईपीएफओ से दोबारा जुड़ने वालों की संख्या नौ प्रतिशत बढ़ी. वहीं ईपीएफओ से बाहर निकलने वालों की संख्या में 36.84 प्रतिशत की गिरावट आई.