दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Kuber Group Property: जाली वसीयत बनाकर कुबेर ग्रुप की 500 करोड़ की प्रॉपर्टी हड़पने वाले को EOW ने किया गिरफ्तार

डीसीपी ईओडब्ल्यू विक्रम के पोरवाल के अनुसार दिवंगत पीके शर्मा की पत्नी रोवेना शर्मा ने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. उन्होंने बताया था कि उन्हें वरिष्ठ सिविल जज, गाजियाबाद की तरफ से सिविल सूट का समन प्राप्त हुआ था. सिविल सूट अमित कुमार शर्मा बनाम रोवेना शर्मा था. इसके बाद उनके वकील कोर्ट में पेश हुए और कोर्ट से दस्तावेजों के साथ सिविल सूट की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त की गई. उक्त दस्तावेजों की जांच करने पर पता चला कि उनके दिवंगत पति पीके शर्मा के हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान जाली है. जाली दस्तावेजों के आधार पर अमित शर्मा द्वारा उक्त सिविल सूट दायर किया गया था.

dfd
dfd

By

Published : Mar 17, 2023, 10:46 PM IST

नई दिल्ली:आर्थिक अपराध शाखा ने कुबेर ग्रुप की 500 करोड़ की प्रॉपर्टी हड़पने की कोशिश करने वाले जालसाज को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम अमित शर्मा (47) है. वह कुबेर ग्रुप के दिवंगत मालिक पीके शर्मा का भतीजा बताया गया है. वह कंपनी में अकाउंट मैनेजर रह चुका है. बताया गया है कि करीब 500 करोड़ की प्रॉपर्टी के लालच में इसने मालिक के मरने के बाद उनकी जाली वसीयत बनवाई थी.

डीसीपी ईओडब्ल्यू विक्रम के. पोरवाल के अनुसार दिवंगत पीके शर्मा की पत्नी रोवेना शर्मा ने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. उन्होंने बताया था कि उन्हें वरिष्ठ सिविल जज, गाजियाबाद की तरफ से सिविल सूट का समन प्राप्त हुआ था. सिविल सूट अमित कुमार शर्मा बनाम रोवेना शर्मा था. इसके बाद उनके वकील कोर्ट में पेश हुए और कोर्ट से दस्तावेजों के साथ सिविल सूट की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त की गई. उक्त दस्तावेजों की जांच करने पर पता चला कि उनके दिवंगत पति पीके शर्मा के हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान जाली है. जाली दस्तावेजों के आधार पर अमित शर्मा द्वारा उक्त सिविल सूट दायर किया गया था.

उसमें अमित शर्मा ने दावा किया था कि शिकायतकर्ता के पति ने अपनी सभी संपत्ति का 75% हिस्सा उसके नाम कर दिया था. प्रारंभिक जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने आईपीसी की धारा 420/467/468/471/474/120बी के तहत 16 जुलाई 2019 को मामला दर्ज किया गया. जांच के दौरान, फोरेंसिक विशेषज्ञों ने भी वसीयतकर्ता के हस्ताक्षर को जाली पाया. आगे की जांच के दौरान वसीयत के गवाह नरेश कुमार और केसर नूर से पूछताछ की गई. दोनों ने अपने हस्ताक्षर होने से इंकार किया.

यह भी पढ़ेंः मनीष सिसोदिया की ईडी कस्टडी बढ़ने पर BJP का हमला, कहा- केजरीवाल भी आएंगे जांच के दायरे में

जांच में यह भी पता चला कि आरोपी अमित शर्मा ने वर्ष 2018 में वसीयत पर उनके जाली हस्ताक्षर करवाए थे जबकि रिकॉर्ड के अनुसार, कुबेर समूह के मालिक की मृत्यु वर्ष 2017 में हो गई थी. आरोपी को पकड़ने के लिए एसआई सुशील कुमार, एएसआई सतबीर सिंह और हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार की एक टीम का गठन किया गया था. टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिये मुंबई में कई बार छापेमारी की, लेकिन वह हर बार फरार होने में सफल हो जाता था. आखिरकार तकनीकी निगरानी के आधार पर और रेलवे अधिकारियों की सहायता से उसकी लोकेशन ट्रेन संख्या 19019 (बांद्रा-हरिद्वार एक्सप्रेस) में यात्रा करते हुए पाई गई. इसके बाद औरोपी अमित शर्मा को फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया.

अन्य आरोपी व्यक्तियों की भूमिका का पता लगाने और जाली और मनगढ़ंत वसीयत बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक उपकरणों की बरामदगी के लिए कोर्ट ने आरोपी को दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. अमित शर्मा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से मास्टर ऑफ कॉमर्स डिग्री धारक है.

1995 में वह कुबेर समूह में शामिल हुआ था. मालिक पीके शर्मा ने उसे जीके-1, नई दिल्ली स्थित कंपनी के हेड ऑफिस में अकाउंट मैनेजर के रूप में नियुक्त किया था. बाद में महाराष्ट्र में टीक प्लांटेशन रिसॉर्ट साइट पर भी उसने काम किया. 2015 में इसने साईं भूमि कंस्ट्रक्शन के नाम से मुंबई में अपना रियल एस्टेट का व्यवसाय शुरू किया था.

ये भी पढ़ेंः Yes Bank Property Transfer Case: यस बैंक की संपत्तियों के हस्तांतरण की जांच के लिए सुब्रमण्यम स्वामी पहुंचे दिल्ली हाईकोर्ट

ABOUT THE AUTHOR

...view details