नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नया दिशानिर्देश तैयार किया है, जिसके तहत देशभर के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्र सेवा केंद्र (एसएससी) स्थापित करने होंगे जो छात्रों के तनाव एवं भावनात्मक समस्याओं से जुड़े विषयों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे. इसके साथ ही दिशानिर्देश में परिसर में जीवंत माहौल और शारीरिक गतिविधियों में हर छात्र की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है.
यूजीसी की उच्च स्तरीय कमेटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सुझावों के तहत शरीरिक दक्षता, खेल, छात्र स्वास्थ्य, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के संबंध में नया दिशानिर्देश तैयार किया है. यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि, 'इन दिशानिर्देशों का मकसद छात्रों में शारीरिक व खेल गतिविधियों और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है. यह सभी छात्रों के तनाव, दबाव और उनकी व्यवहारिक परेशानियों को दूर करने और मानसिक स्थिति ठीक रखने के लिए जरूरी है.'
दिशानिर्देशों के अनुसार, युवाओं के शारीरिक और मानसिक फिटनेस के अलावा उनके भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी जरूरी है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसका उल्लेख किया गया था. इसमें कहा गया है कि स्कूलों में तो खेलकूद अनिवार्य विषय रहता है, लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों में विकल्प के तौर पर रहता है. यह विडंबना है कि संस्थानों में दाखिला लेने वाले प्रत्येक छात्र से खेल शुल्क लिया जाता है लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों में खेलकूद गतिविधियों में हिस्सेदारी या खेल सुविधाओं का उपयोग केवल एक या दो प्रतिशत छात्रों द्वारा ही किया जाता है.